राष्ट्रीय हितों से कभी समझौता नहीं करेगा चीन : शी जिनपिंग

बीजिंग,चीनी सेना के स्थापना दिवस के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका देश अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों के साथ कभी कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चीनी सेना ऐसे किसी भी प्रयास का करारा जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का गठन माओत्से तुंग के कार्यकाल में एक अगस्त 1927 को किया गया था। इसी लिए चीनी सेना इस दिन अपना स्थापना दिवस मनाती है।
शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन की केंद्रीय समिति के महासचिव हैं होने के अलावा सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के चेयरमैन भी हैं। भारत और चीन की सेना के जवान डोकलाम में आमने-सामने खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीनी लोग शांति पसंद करते हैं। चीन कभी विस्तारवाद का हिमायती नहीं रहा। हमरा मकसद किसी भी देश की सीमा में दखल देने का नहीं है। लेकिन हम ऐसे किसी भी प्रयास को आसानी से नाकाम करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हम किसी भी कीमत पर चीन के आधिपत्य वाले किसी भी हिस्से को अलग नहीं होने देंगें। कोई भी देश हमें जबरन अपने हितों से समझौता करने लिए मजबूर नहीं कर सकता।
उल्लेखनीय है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 90वें स्थापना दिवस के दो दिन पहले आयोजित परेड का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी सेना में दुश्मन को मात देने की क्षमता है। शी ने कहा कि पीएलए को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के निरपेक्ष नेतृत्व के निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। शी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रमुख हैं, जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना पीएलए का नियंत्रण है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारी वीर सेना में दुश्मनों को मात देने का साहस एवं क्षमता है। शी ने अपने भाषण में सिक्किम क्षेत्र के डोकालाम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच एक माह से चल रहे गतिरोध का कोई उल्लेख नहीं किया। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों ने भारत पर चीनी क्षेत्र के डोकलाम में अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।

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