शरद यादव का रुख साफ़ बोले, JDU-RJD गठबंधन टूटने का अफसोस

नई दिल्ली,जेडीयू और बीजेपी के साथ आने से एनडीए के कुछ घटक दलों में तो नाराज़गी है ही, जेडीयू में भी मनमुटाव बना हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व में एनडीए के संयोजक रहे शरद यादव लगातार अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की हैं। उन्होंने कहा कि वह आरजेडी-जेडीयू गठबंधन टूटने से नाराज़ हैं। उनके ट्वीट से यह बात साफ़ हो गई है, वह नीतीश के भाजपा के साथ सरकार बनाने से ख़ुश नहीं हैं। लालू यादव का दावा है कि शरद यादव उनके साथ हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें है कि शरद यादव नीतीश का साथ छोड़कर लालू से हाथ मिला सकते हैं। शरद यादव ने कहा कि बिहार में जो भी हुआ है वो अप्रिय है। आरजेडी से जेडीयू के गठबंधन टूटने का मुझे अफ़सोस है।
इस पर जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव हमारी पार्टी के बड़े नेता हैं। समय-समय पर वह राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं। ये भी उसी की एक कड़ी है।
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि नीतीश ने उपेक्षित और वंचित समाज के जनादेश पर डकैती की है। संघी, मनुवाद से मिलकर नीतीश की इस डकैती का शरद यादव हिस्सा नहीं बनेंगे। शरद के सामने तमाम लोगों को इकट्ठा करने की ऐतिहासिक ज़िम्मेदारी है। हमें ‘वी द पीपल’ को ‘वी द संघी पीपल’ में तब्दील होने से रोकना है। शरद यादव ने ट्वीट किया था कि ना तो विदेशों में छिपा काला धन आया, ना ही पनामा पेपर में जिनके नाम थे वो पकड़े गए। इस पर भाजपा के नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा है तो स्वदेश, विदेश का काला धन वापस आएगा।शरद जी को इतनी जल्द सरकार पर ग़ुस्सा नहीं उतारना चाहिए। वहीं जेडीयू के नेता अली अनवर ने कहा कि शरद यादव ने बिल्कुल ठीक कहा है। संसद में भी वह कहते रहे हैं। कानून बनाकर बेरोजगारी के लिए भत्ता दे केंद्र सरकार।

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