शासकीय कर्मचारी खाते से जरूरत के समय,अंशदायी पेंशन योजना का पैसा निकाल सकेंगे ,1000 करोड़ का है कृषि मूल्य स्थिरीकरण कोष

भोपाल, शासकीय सेवा में एक जनवरी 2005 के बाद आये कर्मचारियों को केन्द्र के कर्मचारियों की तरह जरूरत के समय अंशदायी पेंशन योजना के खाते से पैसा निकालने की सुविधा प्रदान करने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।
वित्त मंत्री जयंत मलैया के अनुसार कोई भी शासकीय कर्मचारी अपने बच्चों की उच्च शिक्षा, विवाह, परिवार के किसी सदस्य की गंभीर बीमारी और भवन-भूखण्ड क्रय करने के लिए अपने खाते से अब पैसा निकाल सकेगा। राज्य विधान सभा में वित्त मंत्री मलैया ने अपने ही दल के सदस्य प्रहलाद भारती के इसी आशय से संबंधित प्रश्न के जवाब में आज यह घोषणा की। वित्त मंत्री का कहना है कि कर्मचारियों को खाते से पैसा निकालने की यह सुविध पूरे सेवाकाल में केवल तीन बार और पांच वर्ष के अन्तर से प्राप्त होगी।

अनुपूरक बजट में पर्याप्त प्रावधान
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के चहुँमुखी विकास के लिये प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2017-18 में आवश्यकतानुसार पर्याप्त प्रावधान किये हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि का वाजिब मूल्य दिलाने के उद्देश्य से 1000 करोड़ रुपये का कृषि मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया गया है। इसमें राज्य विपणन विकास निधि से 500 करोड़ तथा शेष 500 करोड़ के लिये ऋण अनुदान 40 करोड़ का प्रावधान प्रथम अनुपूरक बजट में किया गया है। शेष राशि के प्रावधान आवश्यकतानुसार प्रस्तावित किये जायेंगे।
वित्त मंत्री ने बताया कि विद्युत कम्पनियों को सब्सिडी विद्युत अधिनियम की धारा के अनुसार ही दी जा रही है। इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने बताया कि एससी, एसटी, बीपीएल, घरेलू उपभोक्ताओं को 25 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली दी जा रही है। किसानों और उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की घोषणानुसार बिजली दी जा रही है। फीडर सेपरेशन का कार्य 93 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार के मूल बजट में 3500 करोड़ का प्रावधान किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की अच्छी प्रगति को देखते हुए अनुपूरक अनुमान में 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि अनुपूरक अनुमान में राज्य की संचित निधि पर शुद्ध भार 2447 करोड़ रुपये आयेगा। इसकी व्यवस्था उपलब्ध संसाधनों के अंतर्गत अन्य मदों में बचत से की जायेगी।
श्री मलैया ने बताया कि नगरों में प्रधानमंत्री आवास योजना में 559 करोड़ रुपये, मंत्रालय विस्तार परियोजना के लिये 76.91 करोड़ और स्मॉर्ट सिटी योजनाओं के लिये 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कम्पनियों के लिये टेरिफ सब्सिडी मद में 595 करोड़ रुपये, नि:शुल्क विद्युत प्रदाय की प्रतिपूर्ति मद में 210 करोड़ और वर्ष 2017-18 में अतिरिक्त सब्सिडी देने के उद्देश्य से 805 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मलैया ने बताया कि विपणन संघ को प्याज खरीदी में हुई हानि की भरपाई के लिये 580 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक में प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही खाद्य प्र-संस्करण प्रक्षेत्रों की विकास योजनाओं के लिये 50 करोड़, नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक उदवहन सिंचाई योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम विभाग के अंतर्गत ऑटो टेस्टिंग ट्रेक योजना के लिये 150 करोड़ रुपये और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना में 99 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। मलैया ने बताया कि चिकित्सा गारंटी योजना में मरीजों को दवाई एवं जाँच के लिये 10 करोड़ रुपये, चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों में सफाई, मशीनों का रख-रखाव, दवाओं की खरीदी आदि के लिये 50.45 करोड़ रुपये के प्रावधान किये गये हैं।
मलैया ने बताया कि मातृत्व सहयोग योजना के लिये 65 करोड़, अनुसूचित-जनजाति विभाग के अंतर्गत छात्रावास एवं अन्य कार्यों के लिये 139 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री श्री मलैया के जवाब के बाद सदन ने 5 हजार 52 करोड़ 53 लाख 47 हजार 200 रुपये की प्रथम अनुपूरक अनुदान माँगों को ध्वनि-मत से पारित कर दिया।

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