नई दिल्ली ,आज संसद भवन में देश के चौदहवें राष्ट्रपति के पद की रामनाथ कोविंद ने शपथ ली,उन्हें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस जे. एस खेहर ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नवागत राष्ट्रपति कोविंद निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर संसद भवन पहुंचे और करीब सवा बारह बजे उन्होंने राष्ट्रपति के पद की शपथ ली. नवागत राष्ट्रपति ने हिंदी में शपथ ली। उनके शपथ लेते ही मुखर्जी और कोविंद की कुर्सियों में परिवर्तन हो गया। फिर कोविंद ने रजिस्टर पर दस्तखत किये। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
क्या कहा
शपथ के ठीक बाद अपने सम्बोधन में कोविंद ने अपने पुराने दिनों को याद किया और कहा की वह मिट्टी के घर में पले बढ़े हैं। उनकी यात्रा लम्बी रही है कामोबेश यही देश की यात्रा भी है। सेंट्रल हॉल आकर पुराणी यादें ताजा हो गई। एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा की पूरी विनम्रता के साथ पद ग्रहण कर रहा हूँ डिजिटल राष्ट्र हमें ऊंचाई पर ले जायेगा। देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है। क्योंकि अकेले सरकार राष्ट्र निर्माण नहीं कर सकती। उन्होंने कहा की उन्हें भारत के मिट्टी और पानी पर गर्व है।
शपथ ग्रहण करने से पहले कोविंद अपनी पत्नी के साथ राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
उन्होनें कहा कि मुझे, भारत के राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपने के लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। मैं पूरी विनम्रता के साथ इस पद को ग्रहण कर रहा हूँ। यहाँ सेंट्रल हॉल में आकर मेरी कई पुरानी स्मृतियां ताजा हो गई हैं। मैं संसद का सदस्य रहा हूं, और इसी सेंट्रल हॉल में मैंने आप में से कई लोगों के साथ विचार-विनिमय किया है। कई बार हम सहमत होते थे, कई बार असहमत। लेकिन इसके बावजूद हम सभी ने एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना सीखा। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैं मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं, मेरी ये यात्रा काफी लंबी रही है। उन्होंने कहा कि मैं सभी नागरिकों को नमन करता हूं और विश्वास जताता हूं कि उनके भरोसे पर खरा उतरुंगा। उन्होंने कहा कि मैं अब राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब दा की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं. अब हमें आजादी में मिले 70 साल पूरे हो रहे हैं, ये सदी भारत की ही सदी होगी। हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जो नैतिक और आर्थिक बदलाव लाए। देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है, हमें पंथो, राज्यों, क्षेत्रों का मिश्रण देखने को मिलता हैं हम कई रूपों में अलग हैं लेकिन एक हैं।
उन्होंने कहा कि हमें सभी समस्या का हल बातचीत से करना होगा, डिजिटल राष्ट्र हमें आगे बढ़ाएगा। सरकार अकेले ही विकास नहीं कर सकती है, इसके लिए सभी को साथ आना होगा। हमें भारत की विविधता पर गर्व है, हमें देश के कर्तव्यों पर गर्व है, हमें देश के नागरिक पर गर्व है। भारत के सशक्त बल इस देश के राष्ट्रनिर्माता है, इस देश का किसान राष्ट्रनिर्माता हैं. हमारे देश में महिलाएं भी खेतों में काम करती हैं, वो सभी राष्ट्रनिर्माता हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति किसी खेत में आम से अचार बनाने का स्टार्ट अप कर रहा है वे सभी राष्ट्रनिर्माता हैं। रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि देश के नागरिक ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक अपने प्रतिनिधि चुनते हैं. हमें उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना है. पूरा विश्व भारत की ओर आकर्षित है, अब हमारे देश की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरे देशों की मदद करना भी हमारा दायित्व है।
इस समारोह में राज्य सभा के सभापति, प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोक सभा अध्यक्ष, मंत्री परिषद के सदस्य, राज्यपालगण, मुख्यमंत्रीगण, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्यगण और भारत सरकार के प्रमुख असैनिक और सैनिक अधिकारी सेंट्रल हॉल में शामिल रहे। राष्ट्रपति सेंट्रल हॉल में समारोह सम्पन्न होने के बाद राष्ट्रपति भवन के लिए प्रस्थान किया। आपको बता दें कि 20 जुलाई को आए नतीजों में रामनाथ कोविंद को कुल 702044 मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 367314 वोट मिले थे। जीत के बाद कोविंद ने जीत के बाद कहा कि सभी लोगों ने मुझपर जो विश्वास जताया है, उसके लिए सभी का आभारी हूं।