नक्सल क्षेत्रों में पटाखा फैक्ट्री न हो इसके लिए ACS की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

भोपाल,सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बालाघाट जिले में हाल में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट की घटना पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पक्ष के सुझाव को मानते हुए कि नक्सल क्षेत्रों में पटाखे सरीखे विस्फोटक बनाने की फैक्ट्री नहीं खोली जा सकें। इस पर विचार के लिए ACS स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का ऐलान किया है। जिसमें दो कलेक्टरों दो पुलिस अधीक्षकों के अलावा एक पुलिस के ADG स्तर के अधिकारी शामिल रहेंगे।
मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण पर सदन में जिस शालीनता के साथ कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी बात रखी उसी शालीनता के साथ मंत्री ने जवाब भी दिया। इसे देखते हुए अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह एक अनूठी व अनुकरणीय परंपरा की शुरुआत का पल है, जिसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस विधायक डॉ गोविन्द सिंह ने ध्यानाकर्षण के तहत बालाघाट जिले के खैरी ग्राम पंचायत स्थित वारसी पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट मामले को पूरी गंभीरता के साथ उठाया और सदन को बताया कि यह घटना इतनी भयावह थी कि इसने समूचे तंत्र को हिलाकर रख दिया। उन्होंने कहा कि यह घटना प्रशासनिक सूचना तंत्र की लापरवाही से घटी जिसमें 26 श्रमिकों की मौत हो गई और करीब आधा दर्जन श्रमिक घायल हो गए। इस पर गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि निश्चित ही घटना गंभीर थी इसलिए विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी शर्तों को पूर्ण करने पर ही पटाखा फैक्ट्री संचालन हेतु लाइसेंस दिया गया, लेकिन लायसेंस की शर्तों का उल्लंघन हुआ इस कारण मुख्य आरोपी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध् किया गया और जांच में लिया गया है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि फटाखा फैक्ट्री में 50 किलो विस्फोट का लाइसेंस था जबकि गोदाम में 1200 किलो विस्फोटक बरामद हुआ। मंत्री ने सदन को बताया कि फटाखा फैक्ट्री की जांच नगर पुलिस अधीक्षक, बालाघाट एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया, जिसकी सीडी भी बनाई गई। इस प्रकार यह आरोप निराधार है कि घटना होने के बाद निरीक्षण की रीपोर्ट तैयार की गई और बता दिया गया कि निरीक्षण पूर्व में की गई थी।
कांग्रेस सदस्य गोविंद सिंह ने घटना से प्रभावित परिवारों और बच्चे-बच्चियों को मुआवजा देने वा उनकी जिम्मेदारी लेने का सवाल उठाया तो इस पर मंत्री ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया है। यहां कृषि मंत्री गौरीशंकर विसेन ने भी घटना से जुड़ी जानकारी और मुआवजा राशि से लेकर प्रभावितों की विस्तृत जानकारी सदन के सामने रखी।
गृह विभाग का एक अलग सेल करेगा सतत निगरानी
अध्यक्ष की अनुमति से कांग्रेस सदस्य सुश्री हिना लिखीराम कांवरे ने कहा कि बालाघाट जिले की यह दूसरी घटना है। इससे पहले भी दो लोगों की मौत हुई थी। अत: क्या शासन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करेगा ताकि आगे इस प्रकार की कोई घटना न हो। तभी नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि क्या ऐसा कोई प्रावधान हो सकता है कि नक्सल प्रभावित जिलों में इस प्रकार की फटाखा फैक्ट्री न हो। इस पर गृह मंत्री ने कांग्रेस सदस्यों को महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि एसीएस की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें दो कलेक्टर, दो पुलिस अधीक्षक और एक पुलिस एडीजी शामिल होंगे। इसके साथ ही गृह विभाग में भी एक अलग सेल होगा जो इस पर सतत निगरानी करेगा। पूरी शालीनता के साथ हुई इस सारगर्भित चर्चा पर अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने कहा कि यह एक अनूठी और अनुकरणीय परंपरा की शुरुआत का पल है, जिसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए।

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