MP-VS में आधा घंटे तक चली पक्ष-विपक्ष में नोंकझोंक

भोपाल,राज्य विधानसभा में आज करीब आधा घंटे का प्रश्नोत्तरकाल के दौरान दोनों ही पक्षों के सदस्यों नोंकझोंक चलती रही और विधानसभा अध्यक्ष ड़ा सीतासरण शर्मा सदस्यों को शांत कराते रहे। दरअसल हंगामे की शुरूआत कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी के प्रश्न करने को लेकर हुई। श्री तिवारी ने प्रश्नोत्तर सूची में जब मंत्री के स्थान पर नरोत्तम मिश्रा का नाम देखा तो उन्होंने विस अध्यक्ष से यह स्पष्ट ाैरने को कहा कि श्री मिश्रा मंत्री है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि श्री मिश्रा को लेकर उच्चन्यायालय का आदेश आ गया है और निर्वाचन सूची में भी उनका नाम नहीं है। ऐसे में प्रश्नोत्तर सूची में मंत्री के स्थान पर श्री मिश्रा का नाम आना ठीक नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्य को शांत कराते हुए कहा कि इस मुद्दे पर प्रश्नोत्तरकाल के बाद शून्य में चर्चा करेंगे तब तक आप संविधान का आर्टिकल 164 पढ़ लें। इसके बाद भी श्री तिवारी शांत नहीं हुए और वे अपनी बात दोहराते रहे। जब श्री तिवारी शांत नहीं हुए तो सत्ता पक्ष के विधायक रामेश्वर शर्मा ने अनुसूचित जाति के विधायक गोपीलाल जाटव के कथित अपमान का मामला उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अजा के विधायक ने कुछ दिन पहले जिस अस्पताल का उद्घाटन किया था, उस अस्पताल का बाद में दुबारा कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्घाटन किया। श्री सिंधिया उद्धाटन से पहले अस्पताल के उस पत्थर को और उस स्थान को गंगाजल से धुलवाया। यह अजा के विधायक तथा इस वर्ग के लोगों का सरासर अपमान है। इतना सुनते ही पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में हंगामा शुरू हो गया है। दोनों ही पक्ष के लोग जोर-जोर से बोलने लगे और अध्यक्ष उन्हें शांत कराने का प्रयास करते रहे। यह हंगामा करीब आधा घंटे तक चलता रहा। हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि बात जैसे ही नरोत्तम मिश्रा की शुरू हुई तो मुख्यमंत्री पतली गली से खिसक लिए। इसी बीच मंत्री गौरीशंकर शैजवार सांसद के व्यवहार को अपमान जनक बताते हुए नेताप्रतिपक्ष की कुर्सी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं कई दिनों तक विपक्ष के नेता की इस कुर्सी पर बैठा हूं आप भी इसे गंगाजल से धुलवाइए। उन्होंने कहा कि यह तो दलित वर्ग का सरासर अपमान है। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुझे इस कुर्सी पर बैठने पर गर्व है। इसी बीच सदस्यों को शांत कराते हुए विस अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि मामले जो कहना है शून्यकाल के दौरान कहें अभी प्रश्नोत्तरकाल चलने दे। इसके बाद सभी सदस्य शांत हो गए।

गड़बड़ी करने वाले प्रशासक को पद से हटाया
प्रदेश विधानसभा में आज सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने जानकारी कि भूखंड विक्रय के दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रशासक के पद से हटा दिया गया है। इतना ही नहीं दोषियों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज करा दिया गया है। यह जानकारी उन्होंने विधायक तरूण भनोत द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दी।इससे पहले विधायक श्री भनोत ने मामले को उठाते हुए सवाल किया था कि छह महीने पहले भी यही जवाब कि दोषी पर कार्रवाई की जा रही है और आज भी वहीं जवाब आया है।उन्होंने कहा कि जांच हो चुकी है तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। जवाब में श्री सारंग ने कहा कि सरकार हर बार समूचित कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि मामला फिलहाल न्यायालय में चला गया है, वहीं पर निर्णय होगा।उन्होंने बताया कि अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। जवाब से असंतुष्ट श्री भनोत ने कहा कि जिसने रजिस्ट्री करवाई उसपर कार्रवाई कर दी गई लेकिन जिसने रजिस्ट्री की, उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जवाब में श्री सारंग ने बताया कि भूखंड विक्रय के दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रशासक के पद से हटा दिया गया है। इतना ही नहीं दोषियों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज करा दिया गया है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *