पुलिस उपायुक्त सुनील भारद्वाज का तबादला, अंकित गोयल बने नए उपायुक्त

उल्हासनगर, ठाणे के पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने परिमंडल 4 के पुलिस उपायुक्त सुनील भारद्वाज का तबादला कर उनके स्थान पर आईपीएस अधिकारी अंकित गोयल को नियुक्त किया है. शाम को गोयल ने अपना चार्ज संभाल लिया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक उल्हासनगर, अंबरनाथ तथा बदलापुर क्षेत्र को जोड़कर बनाए गए पुलिस जोन 4 के पुलिस उपायुक्त पद पर से सुनील भारद्वाज का तबादला कर दिया गया. उन्हें ठाणे पुलिस मुख्यालय स्थित स्पेशल ब्रांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं अब तक स्पेशल ब्रांच का काम देख रहे आईपीएस अधिकारी अंकित गोयल को परिमंडल चार का पुलिस उपायुक्त बनाया गया है. उपायुक्त भारद्वाज के तबादले को लेकर चर्चा चल रही है कि हाल ही में नेवाली में हुए किसान आंदोलन को लेकर पुलिस की भूमिका पर उठाए गए सवाल के बाद पुलिस उपायुक्त सुनील भारद्वाज का तबादला किया गया है. इससे पूर्व हिललाइन पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मोहन वाघमारे तथा सहायक पुलिस निरीक्षक रविंद्र करोति को निलंबित किया जा चुका है एवं पुलिस निरीक्षक विजय पोवार का तबादला किया गया है और अब पुलिस उपायुक्त सुनील भारद्वाज का तबादला किया गया है. इस प्रकरण में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर अमानवीय तरीके से कार्यवाही की थी ऐसा राज नेताओं ने आरोप लगाया है. सोमवार से शुरु हो रहे हैं महाराज विधानमंडल के वर्षाकालीन अधिवेशन में इस प्रकरण पर विधायक आवाज उठाने वाले हैं जिसके चलते सरकार ने उपायुक्त का तबादला कर दिया है. मगर जागरुक लोगों का कहना है कि बदलापुर-मुंबई मार्ग पर स्थित नेवाली नाका मोड़ पर आंदोलनकारियों ने जब पुलिस कर्मियों की बेरहमी से पिटाई की, पुलिस गाड़ियों को आग के हवाले किया एवं दो पुलिसकर्मियों को उस आग में झोंकने का प्रयास किया, एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आंदोलनकारियों के शिकार बने, कुछ महिला पुलिसकर्मियों के साथ विनयभंग के मामले हुए, पेट्रोल बम का उपयोग कर जमकर उत्पात मचाया और हिंसक आंदोलन के चलते पुलिस विभाग को तकरीबन दो करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, इस ओर राजनेताओं का कोई ध्यान नहीं है. बस अपनी राजनीति के लिए किसानों के रहनुमा बन गए हैं. 22 जून को हिललाइन पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित नेवाली गांव में प्रस्तावित हवाई अड्डे के भूसंपादन काम नौसेना के मार्फत शुरू किया जाना था. कुल 1600 एकड़ जमीन में 400 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है. इसलिए नौसेना वहां सुरक्षा दीवार बनाने का निर्णय लिया है जिसका ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है और 22 जून को इस निर्णय के विरोध में सुबह 9 बजे गांववाले हिंसक आंदोलन पर उतर आए थे.

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