HPCL और ONGC विलय को कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली,ओएनजीसी को एचपीसीएल की हिस्सेदारी खरीदने को कैबिनेट मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद ओएनजीसी में एचपीसीएल का मर्जर होगा और इन कंपनियों की की डील 1 साल में पूरी होगी। एचपीसीएल को ओएनजीसी की सब्सिडियरी बनाया गया। इससे पहले ओएनजीसी ने एचपीसीएल को अधिग्रहण प्रस्ताव भेजा था। इस बात की जानकारी खुद पेट्रोलियम मंत्री ने दी थी। उन्होंने साफ किया कि ओएनजीसी का कोई और ऑयल कंपनी खरीदने का इरादा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी के प्रस्ताव पर कैबिनेट की सैद्धांतिक मंजूरी का काम जारी है। इस मंजूरी के बाद एचपीसीएल की 51.11 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। जिसके बाद एचपीसीएल का मैनेजमेंट कंट्रोल ओएनजीसी को देना संभव होगा। लेकिन हिस्सेदारी बेचने के तौर-तरीके, कीमतें औऱ समय तय करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया जायेगा जिसमें वित्त, परिवहन, पेट्रोलियम मंत्री इस समूह में शामिल होगें।
सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय इस मर्जर के खिलाफ थी जिसके कारण इन दोनों कंपनियों का मर्जर ना करते हुए एक्विजिशन किया जा सकता है। वहीं ओएनजीसी के चेयरमैन का कहना है कि इस डील को मंजूरी मिलना कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि ओएनसीजी- एचपीसीएल डील के लिए फंडिंग योजना तैयार है।

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