नई दिल्ली ,राष्ट्रपति चुनाव का पहला रुझान आने के बाद से ही आगे चल रहे एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपनी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी मीरा कुमार पर बड़ी जीत मिल गई है। उन्हें देश का नया राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किया गया है। अपनी जीत पर कहा की उनका चुना जाना देश के लोकतंत्र की समृद्धता को बताता है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बड़ा ही भावुक पल है। उन्होंने अपने पुराने दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा यह क्षण उन्हें और भी जिम्मेदारी का एहसास करा है। इस बीच कोविंद के दिल्ली और कानपूर स्थित आवास पर जश्न शुरू हो गया है। कोविंद के कानपुर के डीएवी कॉलेज में भी मिठाइयां बाटी गई। कोविंद ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह पद ना तो उनका लक्ष्य था और ना उन्होंने कभी यहाँ तक पहुंचने का सोचा था।
कोविंद को करीब चालीस दलों का समर्थन मिला। उन्हें लगभग 65 फीसदी वोट मिला। उनके वोटों की संख्या सात लाख दो हज़ार 44 रही तो मीरा कुमार को 3 ,67 ,314 मिले। अब 25 जुलाई को कोविंद राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। उधर,यूपीए की प्रत्याशी रही मीराकुमार ने कहा की वह जिस विचारधारा को लेकर यह चुनाव लड़ी थी वह अभी यहाँ ख़त्म नहीं हुई है। उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। मीरा कुमार ने कोविंद को उनकी जीत पर बधाई दी।
देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले रामनाथ कोविंद ने अपने गर्दिश के दिनों को याद करते हुए कहा ‘बारिश का मौसम मुझे बचपन के उन दिनों की याद दिलाता है जब मैं पैतृक गांव में रहता था। घर कच्चा था। मिट्टी की दीवारें थीं। बारिश के समय फूस की छत पानी को रोक नहीं पाती थी। हम सब भाई-बहन कमरे की दीवार से लग कर बारिश रुकने का इंतजार करते थे।’ उन्होंने का कि वह सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना से काम करेंगे। उन्होंने संविधान की रक्षा और मर्यादा बनाए रखने का भरोसा दिया। कोविंद ने संक्षिप्त और भावुक भाषण में मीरा कुमार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं ।
जीत की औपचारिक घोषणा के बाद मीडिया के सामने आए कोविंद ने कहा, ‘जिस पद का गौरव डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणव मुखर्जी जैसे विद्वानों ने बढ़ाया उस पद पर रहना मेरे लिए गौरव की बात है और यह मुझे जिम्मेदारी का अहसास करा रहा है।’ कोविंद ने आगे कहा, ‘आज दिल्ली में सुबह से बारिश हो रही है। बारिश का मौसम मुझे बचपन के उन दिनों की याद दिलाता है जब मैं पैतृक गांव में रहता था। घर कच्चा था। मिट्टी की दीवारें थीं। बारिश के समय फूस की छत पानी को रोक नहीं पाती थी। हम सब भाई-बहन कमरे की दीवार से लग कर बारिश रुकने का इंतजार करते थे। आज पता नहीं कितने ही रामनाथ कोविंद बारिश में भींग रहे होंगे। खेत में काम कर रहे होंगे, मजदूरी कर रहे होंगे, शाम को भोजन मिल जाए उसके लिए पसीना बहा रहे होंगे। मैं उन सभी से कहना चाहता हूं कि परौख गांव का यह रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में उनका प्रतिनिधि बनकर जा रहा है।’
कोविंद ने राष्ट्रपति पद पर अपने चयन को भारतीय लोकतंत्र की महानता बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जिम्मेदारी दिया जाना देश के ऐसे हर व्यक्ति के लिए संदेश भी है जो ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ अपना काम करता है। इस पद पर चुना जाना ना मैंने कभी सोचा था ना ही ही मेरा लक्ष्य था। लेकिन अपने समाज और देश के लिए अथक सेवा भाव मुझे यहां तक ले आया है। यही सेवा भाव हमारे देश की परंपरा भी है। संविधान की रक्षा और संविधान की मर्यादा को बनाए रखना मेरा कर्तव्य है।’ कोविंद ने उनके पक्ष में मतदान करने वाले जनप्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।
कोविंद को किया सम्मानित
इधर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविंद को उनके दिल्ली स्थित हालिया सरकारी आवास पर शाल उढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने मिठाई खिला कर भी उनका मुंह मीठा करा। जैसे ही कोविंद के निर्वाचित होने का औपचारिक एलान हुआ उसके ठीक बाद मोदी भाजपाध्यक्ष अमित शाह और मंत्री अनंत कुमार के साथ कोविंद का सम्मान करने पहुंचे थे।