नई दिल्ली,राज्यसभा में गुरुवार को चीन के साथ सैन्य गतिरोध के मुद्दे पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा रेखा को रेखांकित किया जाना है| डोकलाम में एक ट्राई-जंक्शन है और 2012 में एक लिखित समझौते के तहत निर्णय हुआ था कि इसमें कोई फेरबदल भारत, चीन और भूटान के बीच चर्चा के बाद ही होगा|
विदेशमंत्री ने कहा कि चीन ने किसी न किसी रूप में इस क्षेत्र में लगातार अपनी गतिविधियां जारी रखी हैं| इस बार चीन सीधे ट्राई-जंक्शन पर आ गया है| उन्होंने कहा कोई भी एकतरफा फैसला हमारी सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है| उन्होंने कहा कि चीन के साथ सैन्य गतिरोध इस लिए खत्म नहीं हो रहा है, क्योंकि चीन इस मसले पर सकारात्मक बातचीत को आगे नहीं बढ़ा रहा है| चीन का कहना है कि पहले भारत अपनी सेना वापस बुलाए, तभी इस मसले पर बातचीत शुरू होगी| विदेशमंत्री ने कहा कि चीन की बात मानना संभव नहीं है| हमारा पक्ष बिल्कुल सही है| दुनिया के बाकी देश इस बात को समझ रहे हैं|