भोपाल,नर्मदा बांध, डूब क्षेत्र और पीडि़तों के हक के लिए लड़ रहीं मेधा से सरकार के आला अधिकारी और नेता भी घबरा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जब वे बुधवार को सीएम से मिलने भोपाल पहुंची तो उन्हें और उनके साथियों को भोपाल स्टेशन पर ही रोक लिया गया। गौरतलब है कि हाल ही में मेधा बड़वानी के डूब क्षेत्र में होकर आयीं हैं। इसके पहले किसान आंदोलन को लेकर भी उन्होंने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। सरदार सरोवर के डूब प्रभावित जहां संपूर्ण बड़वानी, धार जिले के डूब गांवों में क्रमिक अनशन ने मेधा को यहां आने पर मजबूर कर दिया। वे अनशन करने वाले लोगों को सपोर्ट कर रही हैं और सरकार से योजना के बदलाव की मांग कर ही हैं। बड़वानी जिले के डूब गांव बगुद, पिछोड़ी और अवल्दा में डूब प्रभावितों का क्रमिक अनशन करने वालों से हाल ही में मेधा ने मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि अब लगने लगा है कि सरकार की मंशा हमें डुबोने की ही हैं। सरकार चाहे किना भी धमका ले, हमें किसी भी कीमत पर बिना संपूणज़् पुनवाज़्स के मूलगांव नहीं छोडऩा है। सरकार चाहे वचन पत्र भरा ले, वो डूब प्रभावितों के खिलाफ ही जाने वाले है। मप्र सरकार सर्वोच्च अदालत 8 फरवरी 2017 के आदेश का पालन नहीं कर रही है। 681 परिवारों को 60 लाख रुपए देना था। वह भी अभी तक नहीं दिया गया है। इसके अतिरिक्त 1358 परिवारों को 15 लाख रुपए मिलना था। उसमें 700 लोगों को भुगतान किया गया था। बाकी विस्थापितों को आज तक नहीं मिला गया है, उस पर सरकार चुप बैठी हुई हैं।
सरदार सरोवर बाँध के विस्थापितों से न मिलकर शिवराज ने माँ नर्मदा का अपमान किया – आलोक अग्रवाल
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर और आम आदमी पार्टी प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल तमाम विस्थापितों के साथ जब राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलकर सरदार सरोवर विस्थापितों का दर्द और पुर्नवास स्थलों की वास्तविक स्थिति बताने के लिए ने जा रहे थ, तब उन्हें रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया गया उसके पश्चात गिरफ्तार कर वहाँ से जेल ले जाया गया ।
प्रदेश संयोजक अलोक अग्रवाल ने कहा कि सरदार सरोवर बाँध के सैकड़ों विस्थापित लोग बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने भोपाल आए थे। न सिर्फ़ शिवराज जी ने उनकी व्यथा सुनने से इंकार किया बल्कि पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ़्तार करवाना इस बात का सबूत है कि शिवराज सिंह नर्मदा सेवा यात्रा के नाम पर ढोंग कर रहे थे उनके पास नर्मदा के बेटे , बेटियो से 5 मिनिट मिलने का समय नहीं है ।
अग्रवाल ने शिवराज सिंह पर आरोप लगाया कि साफ़ है कि गुजरात में आने वाले चुनाव में भाजपा को फायदा पहुँचाने के लिए शिवराज सिंह द्वारा सरदार सरोवर बाँध को भरकर एक लाख लोगो को बिना पुनर्वास डुबाने की तैयारी कर रही है। सरकार की इस तानाशाही के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी विस्थापितों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर लड़ेगी ,लोकतंत्र में तानाशाही का कोई स्थान नहीं, और इस तानाशाही का जवाब आगामी चुनाव में जनता देगी। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं सहित आम आदमी पार्टी की चित्तरूपा पालित,संगठन सचिव पंकज सिंह ,अमित भटनागर,युवराज सिंह,हिमांशु कुलश्रेष्ठ,मुकेश जायसवाल,आशीष सिंग्राह,शैलेंद्र सिंह रूपावत,अवधेश पुरोहित,फ़राज़ खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकताओ ने गिरफ्तारी दी ।
नर्मदा आंदोलन गिरफ्तारियां ; कारपोरेट सेवा की हड़बड़ी का नमूना ; सीपीएम
नर्मदा इलाकों में बसे गाँवों और 40 हजार परिवारों की डूब के विरोध में भोपाल में विधानसभा के सामने अपनी गुहार लगाने आये सैकड़ों ग्रामीणों को गिरफ्तार करके भोपाल जेल भेजे जाने, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर सहित अनेक अग्रणी कार्यकर्ताओं को भोपाल रेलवे स्टेशन पर ही उतार कर गिरफ्तार कर लिए जाने की कार्यवाही को सीपीएम शर्मनाक अलोकतान्त्रिकता और असंवैधानिकता मानती है।
सीपीएम इस कायराना हरकत की भर्त्सना करती है और इसे जो सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करती, शपथपत्रों में भी झूठी जानकारी देती है उस सरकार की नर्मदा का पानी कारपोरेट कंपनियों को देने के लिए उत्सुकता और हड़बड़ी का एक और नमूना मानती है।
मेधा पाटकर सहित सभी गिरफ्तार नागरिक रिहा किये जाने चाहिये तथा भराव की ऊंचाई बढ़ाने के खतरनाक कदम को रोका जाना चाहिए। माकपा नेताओं ने आंदोलनकारियों के बीच जाकर उनके साथ एकजुटता भी प्रदर्शित की।