कर्ज माफ़ी से ज्यादा जरुरी फसल का सही दाम मिले,शहीद सैनिकों के परिवारों को एक करोड़ की सहायता -शिवराज

भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसान आंदोलन के उग्र होने के लिए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए कहा कि इसमें आग लगाने का काम कांग्रेस ने किया। मुख्यमंत्री ने यह आरोप विधानसभा में मंदसौर जिले के पिपल्या मंडी में गोलीकांड और किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस के डॉ गोविंद सिंह एवं अन्य सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्जमाफी से ज्यादा जरुरी फसलों का उचित दाम देना है l इसके साथ ही उन्होंने कृषि क्षेत्र की उपलब्धिया गिनाते हुए अनेक योजनाओं की घोषणा की l मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादन का ठीक दाम दिलाने,के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जायेगा।

किसान परिवारों के युवाओं के लिये मुख्यमंत्री युवा कृषक उद्यमी योजना बनाई जायेगी।उन्होंने घोषणा की कि अब से शहीद सैनिकों के परिवारों को भी एक करोड़ रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। चौहान ने कहा कि अफीम तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोडा जायेगा। उन्होंने कहा कि तस्करी रोकने के लिये आठ महीने पहले निर्देश दिये गये थे। कई तस्करों को जेल भेजा गया है और 108 के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई भी की गई है। मुख्यमंत्री चौहान आज यहाँ विधानसभा में किसान मामलों से जुड़े स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का जबाव दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने किसानों की आत्महत्याओं के संदर्भ में 1995 से आत्महत्याओं के आंकडे का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न कारणों से किसान आत्महत्याएं होती रही हैं। किसानों द्वारा आत्महत्या करना बेहद दु:खद है। ऐसा कदापि नहीं होना चाहिये। किसी भी कारण से की गई आत्महत्या सर्वाधिक दु:खद है। आत्महत्या का गलत अर्थ लगाना ठीक नहीं है। किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के लिये यह त्रासद है। किसान हित से जुड़े मुद्दों पर राजनीति नहीं होना चाहिये। कांग्रेस ने किया आंदोलन को हिंसात्मक बनाने का प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका हर क्षण जनता की भलाई के लिये सोचते हुए बीतता है। मंदसौर घटना के संबंध में उन्होंने कहा कि यह अलग प्रकार का किसान आंदोलन था। सरकार को इसकी जानकारी मिलते ही लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठकें हो रही थी। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में पिछले साल भी छह रूपये प्रति किलो प्याज खरीदने का निर्णय लिया था। किसानों के संगठनों से संवाद किया गया था। उन्होंने कहा कि चार जून तक किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण था और इसके बाद हिंसक हो गया। कांगेस के नेताओं ने इसमें आग लगाने का काम किया। उन्होंने एक कांग्रेस विधायक का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों को भडकाने का काम किया। उन्होने कहा कि वे किसानों पर पूरा भरोसा करते हैं। किसान कभी भी हिंसा पर उतारू नहीं हो सकते। मंदसौर के किसानों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंदोलन को हिंसात्मक बनाने का प्रयास किया।आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को एक करोड रूपये की सहायता राशि देने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडित परिवारों का जीवन यापन आसान बनाने के लिये उन्हें राशि दी गई।उन्होंने घोषणा की कि अब से शहीद सैनिकों के परिवार को भी एक करोड रूपये की सहायता राशि दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि अभी उन्हें 25 लाख की राशि सहायता के रूप में दी जाती थी। साथ ही एक मकान या प्लाट, सरकारी नौकरी देने, शहीदों की प्रतिमा की स्थापना और उनकी स्मृति में सड़कों का नामकरण करने जैसे प्रावधान भी किये गये हैं।
आत्मबल से शांति के लिये किया उपवास मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुलिस ने आंदोलन के दौरान धैर्य का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि हिंसात्मक आंदोलन के दौरान शांति के लिये उन्होंने उपवास रखा। इसके पीछे शस्त्र बल से नहीं बल्कि आत्मबल से शांति की स्थापना करने की सोच थी। उपवास में किसी प्रकार की कोई विलासिता नहीं थी। पूरे समय किसानों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी और निवारणयोग्य समस्याओं का तत्काल समाधान किया। उन्होने कहा कि उपवास के बाद हिंसा कम हो गई। मार्च तक गंभीर नदी में आयेगा नर्मदा नदी का पानी खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने ने कहा कि किसानों को 4400 करोड की बीमा राशि का लाभ दिया गया। उनके खातों में 9000 करोड रूपये पहुंचाये गये। मंदसौर के किसानों के लिये 91 करोड का अलग से प्रावधान किया गया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय किसानों को नाम मात्र की राहत मिलती थी। हमने किसानों को एक रूपये किलो चावल गेंहू देने के साथ उनकी बेटियों की शादी के लिये सहायता देने जैसे प्रावधान किये हैं। ग्रीष्मकालीन मूंग, उडद की खरीदी जारी है। मूंग की खरीदी 5225 रूपये प्रति क्विटल पर खरीदी की गई है। किसानों के खातों में 900 करोड रूपये भेजे गये। उन्हें खरीफ और रबी के लिये एक मुश्त लोन दिया जा रहा है।
कृषि उत्पादन बढने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा सिंचाई का रकबा बढ़ने और बिजली की उपलब्धता बढ़ने से उत्पादन बढ़ा है। प्रत्येक क्षेत्र में सूखे खेतों को पानी  देने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी साल मार्च तक गंभीर नदी में नर्मदा नदी का पानी आ जायेगा। इससे मालवा को रेगिस्तान बनने से
रोका जा सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादन का ठीक दाम मिले इसके लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। किसान कर्ज माफी नहीं उत्पादन का उचित मूल्य चाहता है और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी। जिन उपजों का समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार तय नहीं करती है उनका समर्थन
मूल्य कृषि मूल्य लागत विपणन आयोग करेगा। किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य देना सुनिश्चित किया जायेगा। यदि किसान को लागत का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है तो उसका अंतर निकालकर राज्य सरकार देगी। प्रत्येक उपज का आदर्श मूल्य तय किया जायेगा और समर्थन मूल्य से
उसके अंतर को सीधे किसान के खाते में जमा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले दस सालों में किसानों को एक लाख 18 हजार करोड़ रूपये की अनुदान सहायता दी गई है। किसानों को मिलेगा मनचारी अवधि का अस्थाई कनेक्शन मुख्यमंत्री ने कहा कि समाधान योजना के अंतर्गत डिफाल्टर किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश में निश्चित समय-सीमा में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की व्यवस्था की जायेगी। सूदखोरी के खिलाफ कानून बनाने के लिये प्रस्ताव अनुमति के लिये राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। वहाँ से अनुमति प्राप्त होते ही इस कानून को बनाया जायेगा। किसानों को जितने हॉर्सपवार का सिंचाई पम्प है उसी के अनुरूप बिल दिया जायेगा। अगले दो साल में डेढ़ लाख अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शन में बदला जायेगा। किसान सिंचाई के लिये जितनी अवधि का अस्थाई कनेक्शन चाहते हैं उतनी अवधि के लिये दिया जायेगा।
378 नगरीय क्षेत्रों में बनेंगे किसान बाजार मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में अनेक कदम उठाये गये हैं। प्रदेश के 378 नगरीय निकाय क्षेत्रों में किसान बाजार बनाये जायेंगे। जहाँ पर किसान सीधे अपनी उपज बेच सकेगा। स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में आय के साधन बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। खेती से जनसंख्या का बोझ कमकरना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। किसान परिवारों के युवा खेती के अलावा कृषि आधारित उद्योग लगायें इसके लिये मुख्यमंत्री युवा कृषक उद्यमी योजना बनाई जा रही है। जिसमें उन्हें दस लाख रूपये से लेकर दो करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें 15 प्रतिशत अनुदान और पाँच वर्ष तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान की व्यवस्था रहेगी। किसानों के खेतों में सिंचाई के लिये अब माइक्रो इरिगेशन पर जोर दिया जा रहा है। उद्यानिकी फसलों का क्षेत्र बढ़कर 15 लाख हेक्टेयर हो गया है। राज्य सरकार किसानों के लिये जो भी बेहतर संभव है वह कर रही है। किसान हित के लिये सभी सुझावों पर कार्य करने के लिये सरकार तैयार है। किसान हित से जुड़े मुद्दों पर राजनीति नहीं होना चाहिये।

किसानों को उपज का लागत मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक मिले 

मुख्यमंत्री के जबाव से पहले नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि किसान लगभग दो महीने पहले से आंदोलन की रणनीति बना रहे थे l भाजपा समर्थित किसान संघ ने 1 जून से 10 जून तक आंदोलन की चेतावनी दी थी l आंदोलन को लेकर सरकार का खुफिया तंत्र फेल रहा है l जिसके कारण आंदोलन असफल रहा l नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गोली चलाने का आदेश देने वाले का नाम नहीं बताया l उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 6 मृत किसानों के शरीर में गोली न मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह हिन्दुस्तान के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि कोई गोली से मरे और उसके शरीर से गोली भी न निकले। उन्होने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ कि यदि गोली मिल जाती तो यह प्रमाणित हो जाता कि वह गोली असामाजिक तत्वों की थी या पुलिस की। उन्होंने कहा कि सरकार इस कांड को दबाने के लिए तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर रही है।
कि घटना हो जाने के बाद सरकार ने कार्यवाही करने के बजाय किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की साजिश में लग गई। मुख्यमंत्री ने आंदोलन हिंसा के पीछे तस्करों का हाथ बताया जो बेहद शर्मनाक है। आंदोलन में कांग्रेस का हाथ बताया गया। सिंह ने बताया कि 6 जून तक आंदोलन किसानों का था जब सरकार ने किसानों का दमन करना शुरू कर दिया तो कांग्रेस उनके साथ खड़ी हुई l कांग्रेस पर आरोप लगाने वाली भाजपा सरकार बताए कि रतलाम जिले के देलनपुर गांव में जिन 58 लोगों ने कलेक्टर की गाड़ी रोकी थी वे कौन थे। जिन पर घटना होने के पहले ही जिला प्रशासन ने तीन एफआईआर अलग-अलग टाइम पर की। श्री सिंह ने कहा कि इसी तरह पंचायत संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा के विरू़द्ध भी आंदोलन के दौरान एफआईआर दर्ज हुई। सरकार बताए कि कांग्रेस का था कि भाजपा का था। सिंह ने कहा कि इसी तरह अनेक लोग ऐसे हैं जिनके खिलाफ एफआईआर हुई जो भाजपा के थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री किसान हितैषी हैं और किसानों को राहत देना चाहते हैं तो किसानों का कर्जा माफ करें स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करें और किसानों की उपज लागत के आधार पर 50 प्रतिशत अधिक समर्थन मूल्य पर खरीदें। वही कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दो रोज तक चली चर्चा के सार में अपना रटा रटाया भाषण दे डाला l जीतू ने कहा कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के व्यक्तव्य के दौरान पूरा विपक्ष कान में ऊँगली डालकर बैठेगा l  अजय सिंह ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री किसान हितैषी हैं और किसानों को राहत देना चाहते हैं तो किसानों का कर्जा माफ करें स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करें और किसानों की उपज लागत के आधार पर 50 प्रतिशत अधिक समर्थन मूल्य पर खरीदें। उन्होंने कहा कि स्थगन प्रस्ताव के जवाब में मुख्यमंत्री यह घोषणा करके ही मंदसौर में 6 जून को किसानों के आंदोलन पर हुए गोली कांड से सबक सीखा है यह बताएंगे।

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