नई दिल्ली,उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने मंगलवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। उन्होंने नामांकन पत्र के दो सेट निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किये। वेंकैया के नामांकन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, वित्तमंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई केंद्रीय मंत्री और सांसद मौजूद थे। इस अवसर पर राजग के सहयोगी दलों में लोजपा से रामविलास पासवान, शिवसेना से संजय राउत, अन्नाद्रमुक (अम्मा धड़े) से एम. थम्बीदुरई आदि नेता मौजूद थे। नायडू ने सोमवार रात केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
नायडू को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाये जाने की घोषणा भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सोमवार शाम की गयी थी। ७० के दशक में जब भाजपा का पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ अपनी पहचान बना ही रहा था और दक्षिण में उसका कोई आधार नहीं था, तब आंध्र प्रदेश का एक युवा पार्टी कार्यकर्ता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के पोस्टर लगाने में व्यस्त रहता था। राजनीतिक कार्यकर्ता के उन दिनों से लंबी दूरी तय करके मुप्पावरापू वेंकैया नायडू राजग के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुने जाने तक पहुंचे हैं। इस पद पर उनका काबिज होना तय माना जा रहा है। आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले के एक सीधे-सादे कृषक परिवार से ताल्लुक रखने वाले भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नायडू को उनकी वाक् क्षमता के लिए जाना जाता है। आंध्र प्रदेश विधानसभा में दो बार सदस्य रह चुके नायडू कभी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे। हालांकि वह तीन बार कर्नाटक से राज्यसभा में पहुंच चुके हैं और फिलहाल उच्च सदन में ही राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।