विजय माल्या की सजा पर फैसला प्रत्यर्पण के बाद- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बैंकों से लोन को लेकर डिफॉल्टर हुए किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या की सजा को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि माल्या की सजा पर फैसला प्रत्यर्पण के बाद ही होगा। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने बताया कि सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। दिसंबर तक ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से इस दौरान स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि अवमानना के मामले में माल्या को कितनी सजा दी जाए। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद माल्या कोर्ट में पेश नही हुए थे। इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से कोई भी वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। इससे पहले इसी साल ९ मई को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना था क्योंकि उन्होंने संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया। कोर्ट ने १० जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। दरअसल ९ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ अदालत की अवमानना और डिएगो डील से माल्या को मिले ४० मिलियन यूएस डॉलर पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। बैंकों ने मांग की है कि ४० मिलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले थे उनको सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सरकार के यूके से प्रत्यर्पण में भी मदद करेगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से पूछा था कि आपने जो कोर्ट में अपनी सम्पतियों के बारे में जानकारी दी थी वो सही है या नहीं ? क्या आपने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन तो नहीं किया? क्योंकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि माल्या बिना कोर्ट के अनुमति कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश को कैसे लागू किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या को वापस लाने की कोशिश की जा रही है। वहीं एँघ् ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माल्या के ऊपर ९२०० करोड़ रु का बकाया है। बैकों ने कहा- माल्या की याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वह बार-बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। विजय माल्या ने कोर्ट में कहा था कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वे ९२०० करोड़ रुपये बैंक के कर्ज॰ को अदा कर पाएं, क्योंकि उनकी सभी संपत्तियों को पहले ही जब्त कर लिया गया है।

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