नरोत्तम मामले में दिल्ली HC का फैसला सुरक्षित, नहीं डाल सकेंगे वोट

नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के जनसंपर्क व संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के मामले में अपना फैसला गुरुवार को सुरक्षित रखा। इस मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नरोत्तम मिश्रा की ओर से लगाई गई अर्जेंट पिटीशन को सुनवाई तो की, लेकिन उनकी ओर से चुनाव आयोग के फैसले पर स्टे की मांग को खारिज कर दिया। साथ ही दोनों पक्षों की सहमति के बाद पूरे मामले को दिल्ली हाईकोर्ट लेकर जाने को कहा था। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट को भी राष्ट्रपति चुनाव से पहले यानि 17 जुलाई से पहले केस पर सुनवाई कर फैसला सुनाने का निर्देश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश नरोत्तम मिश्रा की उस मांग के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के चलते इस मामले पर जल्द फैसला करने की मांग की थी। इस दौरान नरोत्तम ने कहा था कि वह प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री और राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधायक की हैसियत से एक वोटर भी है। ऐसे में उनके मामले में तुरंत कोई फैसला लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने इस अर्जेंट मैटर को सुनते हुए कहा कि उन्हें इस केस में फिलहाल स्टे के लिए कोई मेरिट नहीं दिख रहा है, वहीं नरोत्तम की ओर से की गई दूसरी मांग को कोर्ट ने गंभीरता से लिया। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनके केस का निराकरण करने और उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के अधिकार की मांग की गई थी। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में चुनाव खर्चों को छुपाने व पेड न्यूड से जुडे मामले में चुनाव आयोग ने पिछले दिनों उन्हें विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराते हुए तीन साल तक के लिए चुनाव लडऩे के अयोग्य घोषित कर दिया था। नरोत्तम मिश्रा के केस की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में करने का फैसला कांग्रेस नेता और नरोत्तम मिश्रा के प्रतिद्वंदी राजेंद्र भारती की मांग के बाद की गई। जिसमें उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की सुनावई मध्य प्रदेश के बाहर की जाए। हालांकि उन्होंने इस दौरान मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पर अविश्वास भी जताया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति के बाद राजेंद्र भारती ने वापस ले लिया।

मतदाता सूची आई
इधर,चुनाव आयोग से तीन साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब नरोत्तम राष्ट्रपति के चुनाव में 17 जुलाई को वोट नहीं डाल पाएंगे। पता चला है ,दिल्ली से चुनाव सामग्री लेकर लौटे विधासभा अधिकारीयों के साथ मतदाता सूची भी है,जिसमें नरोत्तम के नाम का उल्लेख तो है लेकिन उसके आगे अयोग्य लिखा गया है।

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