नई दिल्ली,अमरनाथ यात्रा पर हमले में लश्कर ए तैयबा का हाथ होने की पूरी आशंका जाहिर की गई है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। स्थानीय पुलिस ने लश्कर के हाथ होने की आशंका जाहिर की है। बीती रात हुए इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हुए हैं।
पुलिस के अनुसार, इस हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का हाथ है। इस हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकवादी अबु इस्माइल है। एक दिन पहले ही पुलिस ने कश्मीर में लश्कर के नेटवर्क का खुलासा किया था और मुजफ्फरनगर के एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जो कश्मीर में लश्कर के लिए काम करता था। आतंकवादियों ने पहले खन्नाबल में सुरक्षाबलों पर हमला किया और बाद में भागते वक्त बटिंगु में बस में सवार यात्रियों पर गोलीबारी की। आतंकियों ने अरवानी में सीआरपीएफ कैंप पर भी फायरिंग की थी। हमले के बाद उधमपुर समेत कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। क्षेत्र में हमले के बाद ही इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
यात्रा जारी
हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा को बंद नहीं किया गया है। तड़के 3:00 बजे अमरनाथ यात्रियों का एक जत्था रवाना हो गया। जत्थे में 73 गाडिय़ों में करीब 2400 लोग रवाना हुए।
-राजनाथ और डोभाल ने की आपात बैठक
हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर हाईलेवल मीटिंग हुई। इस बैठक की अध्यक्षता एनएसए अजीत डोभाल ने की। बैठक के बाद डोभाल पीएम नरेंद्र मोदी के घर पहुंचे।
-हमला कश्मीरियों के लिए एक धब्बा है : महबूबा
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला कश्मीरियों के लिए एक धब्बा है। इस घटना से सभी कश्मीरियों का सिर शर्म से झुक गया है। मेरे पास इसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं है। जब तक सभी दोषियों को न्याय की जद में नहीं लाया जाता, हम चुप नहीं बैठेंगे। महबूबा ने कहा कि बस का टायर कैसे पंचर हुआ, इसकी भी जांच होगी।
-बस श्राइन बोर्ड में पंजीकृत ही नहीं थी
शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, बस के चालक और इसके यात्रियों ने गैरजिम्मेदाराना कदम उठाया। बस न तो अमरनाथ श्राइन बोर्ड में पंजीकृत थी और न ही सुरक्षा मानकों का पालन कर रही थी, जबकि यात्रा के दौरान ये बातें जरूरी है।
– गुजरात की बस क्रमांक जीजे 09 जेड 9976 में सवार लोगों ने यात्रा दो दिन पहले पूरी कर ली थी।
– वे जम्मू और पहलगाम के बीच के अमरनाथ यात्रा के वाहन वाले मार्ग से हटकर श्रीनगर में थे।
– कश्मीर में संवेदनशील सुरक्षा स्थिति के बावजूद बस रात में जम्मू जा रही थी, जिसकी अनुमति नहीं थी।
– इससे वाहनों पर आतंकी हमले की आशंका होती है।
– बस पर रात करीब 8:20 बजे अनंतनाग जिले के खानाबल के पास हमला हुआ। इससे एक घंटे पहले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों द्वारा गश्ती बंद हो जाती है।
– यात्रियों को लेकर जा रहे सभी वाहनों को काफिले में जाते वक्त सुरक्षा कवर दिया जाता है। लेकिन, सुरक्षा एजेंसियों को इस बस की कोई सूचना नहीं थी।
– पहलगाम से जम्मू की तरफ जाने वाले वाहनों का सामान्य रूप से समय पूर्वान्ह का होता है, क्योंकि एक बजे तक कश्मीर छोडऩा अनिवार्य हो जाता है।
-बस का ड्राइवर बना हीरो
बस के ड्राइवर शेख सलीम गफूर भाई ने हमले के दौरान संयम का परिचय देते हुए डरे बिना बस को आगे ले गया। गोलबारी के बीच उनके इस कदम की सभी जगह प्रशंसा हो रही है। हमले में बचे लोगों का कहना है कि अगर सलीम बस को रोक देते तो शायद कोई नहीं बचता। सलीम के चचेरे भाई जावेद मिर्जा ने बताया कि जब आतंकियों ने गोली चलाना शुरू कर दिया तब उन्होंने बस नहीं रोकी और सुरक्षित होने तक चलाते रहे। रात करीब 9:30 बजे आतंकी हमले के बाद सलीम ने अपने चचेरे भाई को फोन पर घटना की जानकारी दी। जावेद ने बताया कि सलीम ने कहा, उसे अफसोस है कि वह सात लोगों को नहीं बचा पाया। लेकिन, गर्व है कि वह 50 लोगों को सुरक्षित ले जा सका।
-हमला अस्वीकार्य सुरक्षा चूक, मोदी जिम्मेदारी लें : राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आतंकी हमले को लेकर कहा कि यह गंभीर और अस्वीकार्य सुरक्षा चूक है। राहुल ने कहा कि भारत इन कायर आतंकवादियों से कभी नहीं डरेगा। उन्होंने ट्वीट किया कि यह गंभीर और अस्वीकार्य सुरक्षा चूक का मामला है। प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने देनी चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इसकी निंंदा की है।