श्रीनगर,अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकी हमले में आठ दर्शनार्थियों के मारे जाने और करीब 15 लोगों के घायल होने की खबर है। मारे गए लोगों में 5 महिलाएं शामिल हैं। जहाँ हमला हुआ वह जगह अनंतनाग जिले में आता है। आतंकी हमला रात 8.20 पर हुआ उस समय बस अमरनाथ से श्रीनगर के लिए लौट रही थी। कड़ी सुरक्षा के बीच हमला मोटर साईकिल सवार आतांकियों ने किये जो तीन बताये जा रहे हैं। साल 2007 के बाद अमरनाथ यात्रियों पर यह पहला हमला है। करीब एक किलोमीटर के दायरे में दो हमले किये गए है। पता चला है की जो बस आतंकी हमले का शिकार हुई वह श्राइन बोर्ड के साथ रजिस्टर नहीं थी। दक्षिण कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर आतंकियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर फायरिंग की। 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। एक ने अस्पताल में डैम तोड़ दिया। आतंकी हमले के बाद श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर यातायात बंद है।
आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की एक बस को भी निशाना बनाया और उसपर अंधाधुंध फायरिंग की। बस के बारे में बताया जा रहा है कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। इस हमले के बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। खबरों के मुताबिक बाइक सवार आतंकियों ने पहले सुरक्षाबलों पर हमला किया। खबरों के मुताबिक मरने वालों में अधिकतर गुजरात के हैं।
बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे को लेकर आगाह किया था। पिछले साल हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में हालात खराब हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान वानी की पहली बरसी भी पड़ी थी। खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा की जबरदस्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 40 हजार जवानों को यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
अमरनाथ हमले के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अमरनाथ हमले पर सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका जताई थी। 29 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और सीएम से फोन कर घटना की जानकारी ली। गृह मंत्री ने राज्य के डीजीपी से भी बात की है। आतंकियों ने ये हमला रात 8:20 पर किया। आतंकी मोटरसाइकिल पर सवार थे।
पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पीएम ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले से बेहद पीड़ा हुई है। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। हर किसी को इसकी निंदा करनी चाहिए।’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमरनाथ यात्रा में मारे गए श्रद्धालुओं के प्रति शोक जताया है। उन्होंने कहा, ‘यह हमला पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है और इससे पूरा देश स्तब्ध है।’
इस हमले के बाद कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
हमले का शिकार हुई बस के बारे में सुरक्षाबलों ने कहा कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। इस वजह ये आतंकियों का आसान निशाना बने। सुरक्षाबलों का कहना है कि हमारे काफिले के साथ जो भी बस या ट्रक में यात्री होते हैं, उनकी सुरक्षा पुख्ता होती है। हमारी कोशिश होती है कि सुबह छह बजे बालटाल से वो निकल जाए और दोपहर 12 बजे तक जवाहर टनल को पार कर लें यानी जम्मू इलाके में दाखिल हो जाएं।
पुलिस के मुताबिक बस सोनमार्ग बालटाल से आ रही थी। तीर्थयात्री दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे। पुलिस ने दावा किया है कि बस ड्राइवर ने नियमों का उल्लंघन किया। नियमानुसार शाम 7 बजे के बाद किसी भी यात्रा वाहन को हाईवे पर जाने की अनुमति नहीं है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा की। उन्होंने इसे बेहद दुखदाई समाचार बताते हुए कहा कि ‘इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है, पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है और घायलों के लिए मैं दुआ करता हूं।’
जम्मू-कश्मीर के मंत्री नईम अख्तर ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, यह कश्मीर के इतिहास पर लगा काला धब्बा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब यात्रियों को निशाना बनाया गया है। आतंक के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।’
पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरुआत कड़ी सुरक्षा के बीच 29 जून को पहलगाम और बालटाल दोनों ही रास्तों से हुई थी। उत्तरी कश्मीर के बालटाल कैंप के रास्ते से अमरनाथ गुफा की ओर जाने के लिए 6000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को इजाजत दी गई थी जबकि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के परंपरागत रास्ते से करीब 5000 यात्री गुफा की ओर चले थे।
इस वर्ष करीब 1।2 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। 45 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सुरक्षा के इंतजाम के तहत सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम, ड्रोन का इस्तेमाल, मोबाइल बंकर वाहन और रोड ओपनिंग पार्टी की जम्मू से पहलगाम और बालटाल जाने वाले पूरे रास्ते के लिए व्यवस्था है।