मुम्बई,महाराष्ट्र के पुलिस वाले भले ही अत्याधुनिक हथियारों सहित संसाधनों की कमी से जूझ रहे हों किन्तु उन्हें जल्द ही मीट डिटेक्शन किट मिलने जा रही हैं। इसके जरिए पुलिस मजह आधे घंटे के अंदर ही मीट की जांच कर यह पता लगा सकेगी कि मीट सैम्पल बीफ है या नहीं। यह किट साइज में किसी प्रेग्नेंसी किट जितनी ही छोटी होगी। इस किट के जरिए पुलिस को यह पता लगा सकेगी कि मीट गाय का है या नहीं। किट के जरिए सैम्पल की जांच घटना स्थल पर भी हो सकेगी। एचटी की खबर के मुताबिक फॉरेन्सिक साइन्स लैब (एफएसएल) के डायरेक्टर कृष्णा कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है। खबर के मुताबिक एक सिंगल किट के जरिए 100 सैम्पलों की जांच हो सकेगी।
एक किट की कीमत 8 हजार रुपये होगी। पुलिस ने अभी 45 किटों के ऑर्डर दिए हैं। किट मीट में मौजूद प्रोटीन के जरिए पता लगाएगी कि सैम्पल गाय का है या नहीं। सैम्पल पॉजिटिव पाए जाने पर उसे आगे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 100 पुलिस अफसरों को इस किट का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। एंटी-बीफ यूनिट में किट का इस्तेमाल करने के लिए उन अफसरों को चुना जाएगा जिनकी एजुकेशन क्वालिफिकेशन साइन्स स्ट्रीम की होगी। बता दें महाराष्ट्र ऐनिमल प्रेसर्वेशन ऐक्ट, 2015 के तहत राज्य में गौ-मांस की बिक्री या ट्रांस्पोर्ट पर पाबंदी है। गौ-मांस बेचने या रखने पर भारी जुर्माने से लेकर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
गौ-मांस की पहचान के लिए किट से लैस होंगे महाराष्ट्र के पुलिस वाले
