91 हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल, 8 प्राचार्य ,83 प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे

अशोकनगर, स्कूल चलें हम अभियान के जरिए सरकार ने अप्रवेशी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने के तमाम प्रयास किए। काफी हद तक सफलता मिली, लेकिन जिम्मेदार शिक्षकों को स्कूल से जोडने में नाकाम रहे। ऐसी स्थिति में इस वर्ष भी जिले के अनेक स्कूलों में शिक्षकों की कमी खलेगी। इसका सबसे बड़ा एक उदाहरण यही है कि संपूर्ण जिले में 8 स्थाई प्राचार्य हैं।
शहर से लेकर ब्लाकों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 91 हाईस्कूल और हायर सेकण्डरी स्कूलों में से 8 स्कूलों में ही स्थायी प्राचार्य है। जिले के 83 स्कूल प्राभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे हैं। उत्कृष्ट विद्यालय अशोकनगर, कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल अशोकनगर, सेहराई हायर सेकेण्डरी स्कूल, उत्कृष्ट मुंगावली, उत्कृष्ट ईसागढ़, हाई स्कूल प्राणपुर, हाई स्कूल बुलेहरू, कन्या हायसेकेण्डरी स्कूल शाढ़ौरा मात्र आठ हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में ही स्थाई प्राचार्य हैं। शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था एवं कई तरह की खामियों के साथ शिक्षा सत्र 2017-18 प्रारंभ हो चुका है। जिसमें काम चलाऊ व्यवस्था के अन्तर्गत प्रभार दिए गए है। शासन के द्वारा शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कई योजनाओं के अन्तर्गत कार्य करने पड़ते है ऐसे में छात्रो का भविष्य एवं शिक्षण कार्य दोनो प्रभावित होते है।
ये काम होतें हैं प्रभावित:
प्रभारी प्राचार्य होने की वजह से सबसे यादा काम पढ़ाई का प्रभावित होता है। स्कूल में पदस्थ स्टाफ में से ही कोई सीनियर प्रभारी बनता है, इस कारण वह शिक्षक खुद नहीं पढ़ा पाता है, उसे दूसरे कामों में लगा रहना पड़ता है। इसके अलावा दूसरे स्टाफ सदस्यों से काम लेने में दिक्कत होती है, क्योंकि यह पद कोई स्थायी नहीं है। सख्ती करने पर आपसी मनमुटाव हो जाता है और आने वाले समय में उन्हें भी प्रभारी के नीचे काम करना पड़ सकता है। इस कारण वह सख्ती करने से बचता है। इससे स्कूलों में बेहतर प्रबंधन नहीं हो पाता है। दूसरी गतिविधियां भी आसानी से नहीं हो पाती है।
कैसे सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता:
शासन द्वारा शिक्षा में सुधार लाने के लिए और छात्रों को अच्छी शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास तो किये जा रहे हैं। लेकिन स्थाई प्राचार्य और शिक्षकों के पद खाली होने से छात्रों को इसका सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिन शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया हैं, वह पढ़ाई की जगह अन्य गतिविधियों में यादा ध्यान रखते हैं। जिससे सरकारी स्कूलों की बजाए छात्र प्राईवेट स्कूलों की तरफ यादा झुकाव करते हैं। सरकारी स्कूलों में वही बच्चे जाते हैं जो विल्कुल ही कमजोर वर्ग से जुड़े होते हैं।
दो शिक्षकों को किया निलंबित:
पिपरई तहसील के तहसीलदार शिरोमणी सिंह द्वारा बुधवार को स्कूलों का निरीक्षण करने के दौरान दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। साथ ही जनशिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। डीपीसी यूएन मिश्रा ने बताया कि पिपरई तहसीलदार शिरोमणी बीते दिन 11.20 छैबला स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे जहां पर स्कूल बंद मिला साथ ही स्कूल के शिक्षक प्रहलाद सिंह यादव अनुपस्थित मिले। जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसके बाद तसीलदार ढोडिया प्राथमिक स्कूल को निरीक्षण करने पहुंचे यहां पर भी स्कूल बंद मिला और शिक्षक माखन सिंह धुर्बे को भी निलंबित किया गया है। इसके साथ ही दो जन शिक्षकों मनीष जैन और मनोहर सिंह रघुवंशी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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