भोपाल, राजधानी में सरकारी बंगलों में कब्जा जमाकर बैठे ब्यूरोक्रेट्स के लिए राज्य सरकार कड़ा निर्णय लेने जा रही है। संपदा संचालनालय और गृह विभाग एक प्रोफार्मा तैयार कर रहे हैं जिसमें खास बात होगी कि भोपाल से बाहर पोस्टिंग होने पर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस सहित अन्य अफसरों को बंगला खाली करना होगा। इन अफसरों से छह माह तक आवास खाली नहीं कराने के नियमों में भी बदलाव किए जाएंगे। बंगला खाली नहीं करने पर अफसरों से बाजार मूल्य के हिसाब से दस गुना ‘दाण्डिक’ किराया वसूल किया जाएगा। संपदा संचालनालय और गृह विभाग में सरकारी आवास आवंटन को लेकर मारामारी मची है। एक जानकारी के अनुसार करीब दो सौ आवासों में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अवैध कब्जा जमाये बैठे हैं। इनमें बड़ी संख्या में रिटायर अधिकारी हैं। कई आईएएस और आईपीएस जिलों में कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक बनने के बाद भी आवास रिक्त नहीं कर रहे। ये अधिकारी छह माह तक बंगले को खाली नहीं करने का नियम बताकर गृह विभाग में दबाव बना रहे हैं। भोपाल में उन अफसरों के लिए सबसे ज्यादा आवास की समस्या आ रही है जिनका तबादला भोपाल किया गया है। मंत्रालय में उप सचिव बनाये गये आधा दर्जन से अधिक आईएएस गृह विभाग में आवास के लिए चक्कर लगा रहे हैं। गृह विभाग नये निर्णय लेने के बाद आईएएस के लिए सामान्य प्रशासन विभाग, आईपीएस के लिए पुलिस मुख्यालय और आईएफएस के लिए वन मुख्यालय को चिट्ठी लिखेगा। चिट्ठी में कहा जायेगा कि ऐसे अधिकारी जिनका तबादला भोपाल से अन्य जिलों में होता है और उन्हें वहां सरकारी बंगला आवंटित होता है तो भोपाल का सरकारी आवास तत्काल खाली करना होगा। रिटायर्ड अफसरों को नियत समय के बाद आवास रिक्त करना होगा।