भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ा, सीमा पर जुटे शीर्ष सैन्य अधिकारी

नई दिल्ली,सिक्किम में भारतीय सीमा के अंदर चीनी सैनिकों के घुसने के बाद सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी इस इलाके में पहुंच चुके हैं। इन अधिकारियों में 17वीं डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि सीमा पर तनाव काफी गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की घटना के बाद भारतीय अधिकारी और दिल्ली स्थित सैन्य मुख्यालय हर घंटे हालात पर नजर रखे हुए है। वहीं, मौके पर भारत और चीन, दोनों के ही करीब एक-एक हजार सैनिक बीते दस दिनों से आमने-सामने हैं।
सिक्किम-भूटान-तिब्बत से सटे डोका-ला इलाके में तनाव अब भी जारी है। दोनों पक्षों के सैनिक अपनी-अपनी पोजिशन पर जमे हैं। सेना ने इस टकराव पर कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना के जवान विवादित इलाके में सड़क निर्माण के भारी-भरकम साजो-सामान के साथ मौजूद हैं। दरअसल, चीनी सेना इस इलाके में सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रही है। चीन पहले ही सामरिक लिहाज से बेहद अहम माने जाने वाले चुंबी घाटी इलाके में
सड़क बना चुका है, जिसे वह और विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। यह सड़क भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या कथित ‘चिकन नेक’ इलाके से महज पांच किमी दूर है। यह सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ता है। इसी कारण भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को विवादित इलाके में निर्माण करने से रोक दिया, जो टकराव की वजह बन गया है। इससे पहले, बीते 20 जून को दोनों देशों के कमांडरों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग में इन मसले का कोई हल नहीं निकला।सीमा पर तनाव की वजह से चीन द्वारा मानसरोवर यात्रा रोके जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं आई है। इस तनाव की वजह से 300 से अधिक तीर्थयात्री नाथूला दर्रे से तिब्बत में प्रवेश करने की बाट जोह रहे हैं। कुल 1430 में से 1080 तीर्थयात्री उत्तराखंड के लिपुलेख पास से होकर मानसरोवर यात्रा के लिए जाएंगे।

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