रेलवे स्टेशन पर मिलेंगी सस्ती दवाएं, आरामदेह बनाए जाएंगे कोच

नई दिल्ली,अच्छी क्वॉलिटी की सस्ती दवाएं खरीदने के लिए अब आपको ज्यादा भटकना नहीं होगा। रेलवे ने सभी स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोलने जाने की योजना बनाई है, ताकि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करायी जा सकें। इसके साथ ही रेलवे ने मिशन रेट्रो फिटमेंट प्रॉजेक्ट की शुरूआत कर दी है, जिसके तहत रेल यात्रा को आरामदेह बनाने के लिए लगभग 40 हजार कोचों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
जन औषधि अभियान की शुरुआत सरकार ने लोगों को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई है। ये दवाएं प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बेची जाएंगी। रेलवे चिकित्सा विभाग के साथ मिल कर रेल परिसरों में दवा की दुकानें खोलेगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे स्टेशनों, दवा दुकानों, कार्यशालाओं और रेल परिसर में जहां भी संभव है जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। प्लेटफॉर्म और अन्य रेल परिसरों में दवा की दुकान खोलने पर काम किया जा रहा है।
प्रभु ने कहा कि इसका उद्देश्य रेलकर्मियों सहित आम लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराना है। उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को अपनी महत्वाकांक्षी योजना मिशन रेट्रो फिटमेंट प्रॉजेक्ट लॉन्च की है। रेल मंत्री ने आम जनता की रेल यात्रा को और सुखद बनाने के लिए इस परियोजना की शुरूआत की है। इसके तहत करीब 40 हजार पुराने कोचों का कायाकल्प किया जाएगा। इस के तहत न केवल कोचों का इंटीरियर बदला जाएगा, कई बल्कि प्रकार के सुरक्षा प्रबंध भी जोड़े जाएंगे। इसके अलावा कोचों में एलईडी लाइटें, ब्रांडेड फिटिंग और धुएं से बज उठने वाले अलार्म भी लगाए जाएंगे। रेलवे की योजना 2022-23 तक लगभग 40 हजार कोचों की आंतरिक साज-सज्जा में बदलाव करेगा, जिस पर प्रति कोच लगभग 30 लाख रूपए खर्च आने का अनुमान है।

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