भोपाल, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बड़े तालाब के एफटीएल (फुल टैंक लेबल) पर लगी 26 मुनारें को तलाशने में 9 महीने का समय निकाल दिया है, फिर भी वे मुनारों की तलाश नहीं कर पाए हैं। जून की शुरुआत हो गई है। अब फिर बारिश का सीजन आने वाला है। ऐसे में फिर अधिकारी यह कहकर मामले को टाल देंगे कि तालाब का एफटीएल क्षेत्र अभी भी दलदली है, मुनारें नहीं तलाशी जा सकतीं। इस तरह जिला प्रशासन के अफसर एनजीटी के आदेश का खुला उल्लंघन कर रहे हैं।
मालूम हो कि बैरागढ़ (संतहिरदाराम नगर) सर्किल के अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि बड़े तालाब के किनारे दलदली क्षेत्र ,लंबी घास और पेड़ होने के कारण सर्वे टीम मुनारों तक नहीं पहुंच पा रही है। अप्रैल 2017 में ही इन मुनारों का सर्वे हो सकेगा। यहां बताना लाजिमी होगा कि 26 मुनारों को तलाशने के लिए बैरागढ़ वृत्त की ओर से एडीएम रत्नाकर झा को जांच रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि बड़े तालाब के फुल टैँक लेवल तक पहुंचना मुश्किल है। तालाब किनारे मौजूद बड़ी-बड़ी घास, दलदल क्षेत्र के साथ ही सांप, बिच्छू और मगरमच्छों की मौजूदगी भी मुनारें तलाशने में बाधक बन रही हैं। अप्रैल माह में ही यह काम संभव हो सकेगा, जब तालाब में थोड़ा पानी कम होगा और मुनारें दिखने लगेंगी। स्थानीय पटवारी और आरआई ने दलदली क्षेत्र में सीमांकन करने से इंकार कर दिया है। यही रिपोर्ट एनजीटी को भी सौँपी गई थी। इसके बाद भी एनजीटी ने मुनारें तलाशने के लिए मोहलत दे दी थी।
गौरतलब है कि एनजीटी ने जुलाई 2016 में सुनवाई करते हुए बड़े तालाब के एफटीएल पर लगी 943 मुनारों का वेरीफिकेशन करने को कहा था। चार टीमों को प्रारंभिक सर्वे में कुल 809 मुनारें ही मिली थीं। नाव से जहां बड़े तालाब के एफटीएल पर लगी मुनारों को देखा गया। 809 मुनारों में से 337 मुनारें जहां पानी में डूबी मिली, वहीं 141 मुनारें गायब पाई गईं। सितम्बर-अक्टूबर माह में टीटी नगर वृत्त की तहसीलदार संध्या कौशल चतुर्वेदी ने बीलखेड़ा व बम्होरी ग्राम में 10 किलोमीटर पैदल चलकर 115 मुनारें तलाशीं। इसमें से 30 प्रतिशत मुनारें दलदली क्षेत्र में लगी हैं। इनमें से भी 38 मुनारें पानी में मिली थीं। बची हुई 26 मुनारें बैरागढ़ सर्किल की थीं। नायब तहसीलदार रमा कालवा ने इन 26 मुनारों को तलाशने का खासा प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मिली। इस बारे में संत हिरदाराम नगर के एसडीएम बैरागढ़ सर्किल प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि 26 मुनारों का सर्वे हुआ है या नहीं? इसके संबंध में तत्काल में कुछ भी नहीं कह सकता हूं। फाइल देखकर ही बता सकूंगा।
नौ महीने बीते,अधिकारी नहीं ढूंढ पाए बड़े तालाब में मुनारें
