अमित शाह की टिप्पणी पर हंस देते बापू-कृष्ण गांधी

नई दिल्ली, महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपिता अमित शाह की ‘चतुर बनिया’ टिप्पणी के ‘बदमजा’ होने और इसके पीछे छिपी गलत मंशा को लेकर हंस देते.
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि अमित शाह की टिप्पणी देश की सत्तारूढ़ पार्टी, भाजपा का अध्यक्ष होने के नाते अशिष्ट और बेकार है.
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने कहा, ‘महात्मा गांधी अपने कार्टूनों पर हंसा करते थे. वह इस पर भी हंसे होते, लेकिन इसके बदमजा होने और इसके पीछे छिपी गलत मंशा को लेकर’. संपर्क किए जाने पर ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ के लेखक गुहा ने शुक्रवार को रायपुर में एक कार्यक्रम में की गई शाह की टिप्पणी पर सख्त प्रतिक्रिया जाहिर की.
गुहा ने कहा कि यह भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष की अशिष्ट और बेकार टिप्पणी है. गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष ने रायपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी को एक ‘चतुर बनिया’ कहा था.
अमित शाह ने यह भी कहा था कि कांग्रेस सिद्धांतों पर आधारित पार्टी कभी नहीं रही है और आजादी (देश की) हासिल करने के लिए यह महज एक जरिया थी.
इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रपति महात्मा गांधी को ‘चतुर बनिया’ बताने के एक दिन बाद अपने बयान पर सफाई दी है. अमित शाह ने कहा कि सभी जानते हैं कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही है. रायपुर में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में अमित शाह से जब पूछा गया कि महात्मा गांधी को लेकर टिप्पणी के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उनसे मांफी मांगने के लिए कहा है तो इस पर शाह ने कहा कि उन्होंने जिस संदर्भ में कहा है, वह सभी लोगों ने सुना है. शाह ने कहा, सुरजेवाला जी को अभी गांधी जी के बहुत सारे सिद्धांतों का जवाब देना है.
उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने शुक्रवार शाम रायपुर के मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी पर टिप्पणी की थी. शाह ने इस दौरान महात्मा गांधी को ‘चतुर बनिया’ बताया था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब कांग्रेस की स्थापना हुई तब उसमें सभी विचारधाराओं को मानने वाले लोग थे. कांग्रेस की स्थापना किसी विचारधारा के साथ नहीं हुई थी, बल्कि सभी देश की आजादी के लिए साथ आए थे. अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी दूरदर्शी होने के साथ ही बहुत ‘चतुर बनिया’ थे. उन्होंने आजादी के बाद तुरंत कहा था कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाना चाहिए. शाह ने कहा, यह काम महात्मा गांधी ने नहीं किया, लेकिन अब कुछ लोग कांग्रेस को भंग करने का काम कर रहे हैं.

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