अब भारत में बनेगी बुलेट प्रूफ जैकेट, सेना के सालाना बचेंगे 20 हजार करोड़

 

नई दिल्ली,अमृता विश्वविद्यालय के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और वैज्ञानिक शांतनु भौमिक ने ऐसी बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार की है जो भारतीय सेना के सालाना 20 हजार करोड़ रुपए बचाएगी। उनके द्वारा डिजाइन किए गए इस जैकेट को रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।
भारतीय सेना के 70 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब स्वदेश में निर्मित बुलेट प्रूफ जैकेट का इस्तेमान सेना के जवान करेंगे। पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक से बनी यह जैकेट अल्ट्रा मॉडर्न लाइटवेट थर्मो-प्लास्टिक टेक्नॉलजी से बनी है।
प्रो. शांतनु द्वारा डिजाइन जैकेट की कीमत मात्र 50 हजार रुपए है। भारत अब तक अमेरिका से जैकेट आयात करता रहा है, जिसकी कीमत 1.5 लाख रुपए है। इस तरह जैकेटों की खरीद पर भारत सरकार सलाना 20 हजार करोड़ रुपए बचा पाएगी।
मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में निर्माण
इसका निर्माण प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अनुमति मिलते ही इसका निर्माण शुरू किया जाएगा।
तीन लाख का ऑर्डर, मिली 50 हजार
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने अमेरिका को 2009 में तीन लाख जैकेट का ऑर्डर दिया था। सात साल बाद भारत को मात्र 50 हजार जैकेट ही मिल पाई है। भारत भी कम वजन वाली आधुनिक जैकेट की तलाश कर रहा है। ऐसे में प्रो. शांतनु की यह जैकेट भारत के लिए फायदेमंद साबित होगी।
जैकेट की खासियत
– मॉडर्न जैकेट का वजन लगभग 1.5 किगा होगा। अमेरिकी जैकेट 15 से 16 किग्रा की होती है।
– जैकेट में अंदर कार्बन फाइबर की 20 लेयर चढ़ी है।
– यह जैकेट 57 डिग्री तक के तापमान में भी गर्मी से बचाती है।

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