6 किसानों की मौत के बाद किसान हुए बेकाबू,भोपाल-इंदौर हाईवे पर 30 गाडिय़ों में आग लगा दी,1 थाना भी फूंका

भोपाल/मंदसौर,किसानों का दस दिनों का आंदोलन बुधवार को सातवे दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने हिंसक आंदोलन किया। मंगलवार को मंदसौर में बेकाबू भीड़ पर सीआरपीएफ की फायरिंग से हुई 6 मौतों के बाद, किसान बेकाबू हो गए। बुधवार को यह हिंसा पूरे मालवा, निमाड़ में दिखाई दी। वहीं, मध्य प्रदेश का यह मामला केंद्र की मोदी सरकार के संज्ञान तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदसौर मामले पर बैठक बुलाई। सूत्रों का कहना है कि केंद्र से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कुछ आदेश दिए गए हैं। राजधानी भोपाल चारों ओर के सभी शहरों से कट गई है। भोपाल का संपर्क इंदौर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद सहित सभी शहरों से कट गया है। सबसे अधिक उपद्रव भोपाल-इंदौर मार्ग पर हुआ है। हाइवे पर कई किमी लंबा जाम लगा है। पुलिस ने ऐहतिहातन वाहनों को देवास में ही रोक लिया है और उन्हें आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। देवास जिले के सोनकच्छ में भोपाल से इंदौर जा रही चार्टर बस को फूंक दिया गया है। यात्रियों ने बमुश्किकल खेतों में भागकर अपनी जान बचाई। यात्रियों की सुरक्षा के चलते इंदौर-भोपाल चाटर्ड बसों को आगामी आदेश तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। वहीं, बागली थाने को भी फूंक दिया गया। हाटपिपल्या में आक्रोशित किसानों ने थाने की डायल 100 की एफआरवी (फास्ट रिस्पांस व्हीकल) सहित कई वाहनों को किया आग के हवाले कर दिया। देवास जिले के 2 थानों ओर चौकियों में लगाई आग लगा दी गई। नेवरी फाटा पर करीब 10 बसों को आग लगा दी गई। यहां पर पुलिस की 2 गाडिय़ों और फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी में की तोड़ फोड़ की गई। इंदौर-भोपाल राजमार्ग बंद आंदोलनकारियों ने जगह-जगह जाम लगा दिया।

कांग्रेस ने बंद किया प्रदेश
पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में बंद का आह्वान किया था जो सफल रहा। होशंगाबाद, सीहोर, भोपाल सहित सभी जिलों में बंद का असर साफ दिखाई दिया।

किसानों ने कलेक्टर व पत्रकारों को दौड़ाया
मंदसौर में मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान छह लोगों की मौत के बाद बुधवार को भी तनाव बना हुआ है। मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार और कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट की गई।

मृतकों के शवों के साथ प्रदर्शन
बुधवार सुबह बरखेड़ापंत गांव में किसानों ने फायरिंग में मारे गए युवक के शव से साथ रास्ता जाम कर दिया। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों से मिलने गए मंदसौर के डीएम स्वतंत्र सिंह से धक्कामुक्की भी की गई। किसानों के गुस्से को देखते हुए अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए। खबर है कि किसानों ने कलेक्टर के कपड़े तक फाड़ दिए और उनकी पिटाई की तथा कुछ पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई। वहीं, कलेक्टर का कहना है कि पुलिस को फायरिंग करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए थे। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व हंगामा कर रहे हैं, किसानों के परिवार को कुछ लोग भड़का रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि हालात फिलहाल काबू में हैं।

एसपी का घेराव
तिरंगे में लपेटकर ले जाया गया शव
किसानों ने एसपी का भी घेराव कर दिया। इसके बाद किसानों के शवों को शहीद की तरह तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस बीच गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदसौर जाने की खबर थीं, लेकिन प्रशासन ने राहुल को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी। बरखेड़ा में किसानों ने पुलिस पर पथराव किया है और कुछ गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया है।

मुख्यमंत्री आएंगे तभी करेंगे अंतिम संस्कार
किसान सीएम शिवराज सिंह चौहान के घटनास्थल पर पहुंचने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान मीडिया को भी अपना निशाना बना रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने किसी भी वीआईपी के मंदसौर की सीमा में प्रवेश पर रोक लगा दी है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन किसानों के अंतिम संस्कार में शामिल होने मंदसौर जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।

लगाया कफ्र्यू
पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत के बाद मंदसौर, पिपलियामंडी, नाहरगढ़ और मल्हारगढ़ में कफ्र्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही मंदसौर, नीमच और रतलाम में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा भी बंद रखी गई है। सरकार ने मृत किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए और परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

पुलिस को मारकर भगाया
फायरिंग में मारे गए एक शख्स के अंतिम संस्कार के बाद भीड़ पुलिस की ओर दौड़ी। पुलिस के कई जवान जान बचाने के लिए भागकर पिपलिया मंडी थाने लौट गए। बाद में अभिषेक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। कलेक्टर ने अभिषेक के परिजनों को उसका स्मारक बनाने का आश्वासन दिया।

महाराष्ट्र से शुरू हुआ था आंदोलन
कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर आंदोलन महाराष्ट्र में 1 जून से शुरू हुआ था। वहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश के किसानों ने भी कर्ज माफी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन शुरू किया। शनिवार को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया। अब मंदसौर और राज्य के बाकी हिस्सों में भी तनाव है।

मंदसौर: सबसे अधिक तनाव क्यों
मंदसौर और पिपलियामंडी के बीच बही पाश्र्वनाथ फोरलेन पर मंगलवार सुबह 11.30 बजे एक हजार से ज्यादा किसान सड़कों पर उतर आए। पहले चक्का जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पथराव शुरू कर दिया। पुलिस किसानों के बीच घिर गई। किसानों का आरोप है कि सीआरपीएफ और पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई।

यात्रियों की जान सदमें में
भोपाल से इंदौर जा रही चार्टर्ड बस को उपद्रवियों ने सोनकच्छ में रोककर उसमें आग लगा दी। पैसेंजर्स ने भागकर जान बचाई। इससे पहले आंदोलनकारियों ने बस के शीशे तोड़ दिए गए। जब तोडफ़ोड़ की जा रही थी, तब बच्चे और महिलाएं बस के अंदर थीं। अंदर बच्चे बिलखते रहे, लेकिन उपद्रवी उसमें तोडफ़ोड़ करते रहे।

देवास में ट्रेनें रोकीं
देवास में किसानों ने दो ट्रेनों को स्टेशन पर रोक लिया। करीब आधे घंटे तक समझाने के बाद इन्होंने ट्रेन को जाने दिया। इस प्रदर्शन का नीमच-रतलाम रेल ट्रैफिक पर असर पड़ा है। कुछ ट्रेन को इन स्टेशन पर ही रोक दिया है।

कांग्रेस के बंद को मिली सफलता
आज राहुल गांधी आ सकते हैं मंदसौर
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बुधवार को मध्य प्रदेश में बंद रहेगा। लोग इसमें मदद करें। बंद का असर सबसे ज्यादा इंदौर, धार और मंदसौर जिले में दिखा। इंदौर जिले में राऊ, सांवेर, मांगलिया, देवगुराडिय़ा इलाकों में बंद का ज्यादा असर दिखा। उज्जैन में भी ज्यादातर बाजार बंद रहे। जो खुले थे, उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बंद करवा दिए। धार में भी बंद का असर दिखा। बाजार पूरी तरह बंद रहे। उधर, सीहोर में किसानों के प्रदर्शन के बाद बंद का मिला-जुला असर रहा। आष्टा में दुकानें बंद रहीं, जबकि इछावर में कम असर रहा। राहुल गांधी के मंदसौर पहुंचने की खबर थी, लेकिन बुधवार को वे नहीं आए। वे एक-दो दिन में मंदसौर आ सकते हैं।

पूरा केंद्रीय विपक्ष साथ आया
एकजुट विपक्ष मांगेगा शिवराज का इस्तीफा
विपक्षी दल शिवराज सिंह चौहान की सरकार को घेरने की कोशिश में हैं। जेडीयू नेता शरद यादव ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हम एक साथ मंदसौर जाने की योजना बना रहे हैं। हमने इस तरह का आंदोलन पहले नहीं देखा। मध्य प्रदेश सरकार 6 मौतों का आंकड़ा दे रही है, लेकिन हमें लगता है कि मौतें ज्यादा हुई हैं। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। वे अपनी जिम्मेदारी किसी पुलिस अफसर पर नहीं मढ़ सकते। मंदसौर में लाशों पर बोलियां लगाई जा रही हैं। 5 लाख, 10 लाख, 1 करोड़ (मुआवजे) की बात की जा रही है। ये शर्मनाक है।

हम किसानों के साथ हैं: शिवराज
सीएम ने मीडिया में विज्ञापन जारी कर किसानों से अपील की। उन्होंने कहा- दो दिन में किसानों से जो चर्चा हुई, उसके मुताबिक मांगें मंजूर कर ली गई हैं। कुछ असामाजिक तत्व अपने स्वार्थ के कारण प्रदेश में अशांति फैलाना चाहते हैं। आप उनसे सावधान रहें। बहकावे में ना आएं। अभी भी कोई समस्या है तो हम आपस में मिल-बैठकर, चर्चाकर उसका समाधान निकाल लेंगे।

19 साल बाद ऐसा हिंसक आंदोलन
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में 1998 में किसानों ने ऐसा ही आंदोलन किया था। 12 जनवरी 1998 को प्रदर्शन के दौरान 18 लोगों की मौत हुई थी। दरअसल, मुलताई में उस वक्त किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन हुआ था। किसान बाढ़ से हुई फसलों की बर्बादी के लिए 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजे और कर्ज माफी की मांग कर रहे थे। उस वक्त राज्य में कांग्रेस सरकार थी।

 

 

देवास में किसानों का उग्र प्रदर्शन

देवास, मंदसौर में हुए गोलीकांड में किसानों की मौत के बाद देवास काफी उग्र हो गया है। यहां भीड़ बेकाबू हो चुकी है। हाटपिपलिया में पुलिस ने हवाई फायर कर आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया है। तहसील कार्यालय के सामने आंदोलनकारियों ने आग लगा दी। वहीं जगह जगह वाहनों को जलाया गया है।
कांग्रेस ने देवास बंद का आयोजन किया था। वाहन रैली निकालकर शहर को बंद कराया गया। रेलवे स्टेशन पर एंजिन पर चढ़कर ट्रेन रोकने का प्रयास हुआ। थाना परिसर और पुलिस चौकी में आंदोलनकारियों ने आग लगाने की कोशिश की। देवास जिले में लगातार आंदोलनों उग्र हो रहा है।

मंदसौर में कल हुई फायरिंग में 6 किसानो के मारे जाने के बाद आज पूरे मध्यप्रदेश में बंद रखा गया है। इस दौरान कई स्थानों पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई मंदसौर में कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह  दूसरे दिन भीड़ के गुस्से का शिकार हो गए उन्हें भीड़ ने काफी दूर तक दौड़ाया जिसके बाद उन्हें बमुश्किल कुछ लोगों की मदद से उनकी गाड़ी तक पहुंचाया जा सका। उधर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नन्द कुमार चौहान और मंत्री गौरीशंकर बिसेन को स्थानीय प्रशाशन ने भीड़ के गुस्से को देखते हुए मंदसौर आने से रोक दिया है।

इंदौर में शांतिपूर्ण बंद
इंदौर में कल मंदसौर में हुई गोलीबारी के बाद किसानों की मौत का मामला काफी गरमा गया है। यहां पर किसान संगठनों और कांग्रेस ने बंद का आयोजन किया था। व्यापारिक संस्थानों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखी। राजवाड़ा में एक विवादित पोस्टर लगाए जाने पर आंदोलनकारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं में जमकर झड़प हुई। कांग्रेसियों ने वाहन रैली निकालकर जगह जगह बंद कराया। जिस पोस्टर पर विवाद हुआ, उस में मुख्यमंत्री को लेकर लिखा हुआ था, चुप रहूंगा किसानों की नहीं सुनूंगा, कुछ भी नहीं देखूंगा। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़प हुई। लेकिन पुलिस व्यवस्था चुस्त होने के कारण किसी विषम स्थिति का निर्माण नहीं हो पाया।
शासन मृतकों की संख्या छुपा रहा है : कक्का जी
इंदौर में राष्ट्रीय मजदूर संघ के शिवकुमार कक्का जी ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि सरकार मृतकों की संख्या छुपा रही है। उन्होंने कहा मंदसौर में छह पाटीदार और दो अन्य किसानों की पुलिस की गोलीबारी में मौत हुई है। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के असंवेदनशील रवैया और किसानों की मौत को लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग की है।उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को कंस् और शकुनी मामा की उपाधि देते हुए स्वयं उनसे पद छोड़ने की मांग की है।

वीआईपी व्यक्तियों के मंदसौर की सीमा में प्रवेश पर रोक
मंदसौर,मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान छह लोगों की मौत के बाद बुधवार को भी तनाव बना हुआ है। मंदसौर के डीएम और कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट की खबरें आ रही हैं। बुधवार सुबह बरखेड़ापंत गांव में किसानों ने फायरिंग में मारे गए युवक के शव से साथ रास्ता जाम कर दिया। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों से मिलने गए मंदसौर के डीएम स्वतंत्र सिंह से धक्कामुक्की भी की गई। किसानों के गुस्से को देखते हुए अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए। खबर है कि किसानों ने कलेक्टर के कपड़े तक फाड़ दिए और उनकी पिटाई की तथा कुछ पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई। वहीं कलेक्टर का कहना है कि पुलिस को फायरिंग करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए थे। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व हंगामा कर रहे हैं, किसानों के परिवार को कुछ लोग भड़का रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि हालात फिलहाल काबू में हैं। किसानों ने एसपी का भी घेराव कर दिया। इसके बाद किसानों के शवों को शहीद की तरह तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
इस बीच गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदसौर जाने की खबर है। हालांकि खबरों के मुताबिक प्रशासन ने राहुल को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी है। उधर किसानों का गुस्सा अभी जारी है। बरखेड़ा में एक बार फिर किसानों ने पुलिस पर पथराव किया है और कुछ गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है। किसान सीएम शिवराज सिंह चौहान के घटनास्थल पर पहुंचने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान मीडिया को भी अपना निशाना बना रहे हैं।
सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने किसी भी वीआईपी के मंदसौर की सीमा में प्रवेश पर रोक लगा दी है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन किसानों के अंतिम संस्कार में शामिल होने मंदसौर जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत के बाद मंदसौर, पिपलियामंडी, नाहरगढ़ और मल्हारगढ़ में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही मंदसौर, नीमच और रतलाम में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा भी बंद रखी गई है। सरकार ने मृत किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए और परिवार में से किसी एक को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

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