श्रीलंका में बाढ़ से तबाही,90 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लापता

कोलंबो, श्रीलंका में आई भीषण बाढ़ से तबाही मच गई है। लगातार मूसलाधार बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से ९० से अधिक की मौत हो गई है। जबकि ११० लोग लापता हे गए हैं। सात जिलों में २०हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने श्रीलंका में भारी तबाही मचा दी है, सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं और कई सड़कें टूट गई हैं। यहां का गाले सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां ७,१५७ लोग इससे प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएमसी) के उप मंत्री दुनेश गनकानदा ने कहा है कि च्हमने १९७० के दशक के बाद से सबसे जबरदस्त बारिश देखी है। हम कुछ इलाकों में राहत कार्य कर रहे हैं जबकि हम प्रभावित इलाकों में कुछ मकानों तक नहीं पहुंच सकते। गनकानदा ने बताया कि सरकार ने राहत के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सतर्क कर दिया है। उप मंत्री करूणारत्ने परनाविताना ने कहा कि विदेश मंत्रालय हालात की निगरानी कर रहा है और जरूरत के मुताबिक सहायता मांगेगा।
श्रीलंकाई वायु सेना और नौसेना बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टरों और नौकाओं के जरिए राहत मुहैया करने के लिए काम कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि मॉनसून की उम्मीद तो थी लेकिन जितनी बारिश दर्ज की गई उसकी उम्मीद नहीं थी। कुछ इलाकों में ६०० मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं बुरी तरह से प्रभावित अन्य इलाकों में ३०० से ५०० मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग प्रमुख आरएस जयशेखर ने बताया कि मॉनसून का चरम पार हो गया लेकिन अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है। यह ३० मई को फिर से तेज होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि कलुतारा में भूस्खलन से और रत्नापुरा जिले में बाढ़ से ज्यादातर लोग मारे गए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक श्रीलंका के कई हिस्सों में शुक्रवार से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से पश्चिमी और दक्षिणी प्रांत के सबारागामुवा में २,८११ परिवारों के कुल ७,८५६ लोग प्रभावित हुए हैं। कालूतारा जिला सचिवालय के फील्ड अफसर ने कहा कि सिर्फ इसी जिले से ३८ लोगों की मौत की खबर है। सरकार ने लोगों से बढ़ते जलस्तर को लेकर सतर्क रहने को कहा है और अस्थिर ढलान वाली जगहों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा है। नकदी फसलों के लिए श्रीलंका में वनों की बड़े पैमाने पर कटाई हुई है। इसलिए, देश में मॉनसून के दौरान अक्सर भूस्खलन होता है। पिछले साल देश में एक भीषण भूस्खलन में १०० से अधिक लोग मारे गए थे। उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बाढ़ एवं भूस्खलनों के कारण भारी तबाही का सामना कर रहे श्रीलंका के साथ खड़ा है। राहत सामग्री के साथ जलपोतों को श्रीलंका में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भेजा जा रहा है।

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