मंदिर को दान निजी या सरकारी ?

तिरूपति, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर में सरकारी खजाने से 5.45 करोड़ रूपए कीमत के सोने के गहने चढ़ा कर सुर्खियों में हैं. उनका कहना है भगवान से उन्होंने दोनों राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए देश में अच्छी स्थिति की प्रार्थना की है.
उन्होंने परिवार के सदस्यों, मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ तिरुमला मंदिर के लिए दो विशेष विमानों से तिरुपति पहुंचे थे.
उन्होंने कहा था कि तिरुपति के दोनों प्रतिष्ठित देवताओं में भगवान बालाजी को पांच करोड़ रुपये के सोने के गहने और देवी पद्मावती को 45,000 रुपये की नथुनी चढ़ाई जाएगी. सो उन्होंने कर दिया है.
इसके बाद विपक्ष उन पर फिजूलखर्ची का आरोप लगा रहा है.क्योंकि उन्होंने निजी इच्छाओं को पूरा करने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है.हालांकि सोना चढ़ाने वाले चंद्रशेखर राव खुद सोना पहनने से परहेज करते हैं. अब यह सवाल उठ रहा है कि राव ने यह दान निजी संपति से दिया या फिर सरकारी खजाने से. यह अब जांच का विषय जरूर हो सकता है पर अभी कुछ इस पर कहना संभव नहीं है. अगर देखा जाए तो राव और उनके परिवार की संपति करीब 17 कराड़ है जिसका ऐलान उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को संपत्ति से संबंधित हलफनामें में करते हुए कहा है कि उनकी पत्नी के पास कुल 17 करोड़ की संपति है. जिसमें बैंक में जमा 6.29 करोड़ रुपए और नकद उनकी पत्नी के पास 21 लाख हैं. जबकि दोनों के पास 6.50 करोड़ की अचल संपति है.

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