व्यापमं घोटाले में आरोपी मेडिकल छात्रा ने बेहोशी का इंजेक्शन लेकर लखनऊ में दी जान

भोपाल,बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की आरोपी एक और महिला डॉक्टर ने संदिग्ध तरीके से मौत को गले लगा लिया। यह महिला डाक्टर को छह महीने की सजा भी भुगत चुकी थी। व्यापमं घोटाले में आरोपित रहीं डॉ. मनीषा शर्मा ने सोमवार को लखनऊ में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह लखनऊ के केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल में एमएस अंतिम वर्ष की छात्रा थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार रात आठ बजे बुद्धा हॉस्टल में उसने बेहोशी में दिए जाने वाले इंजेक्शन का हाईडोज लिया था। व्यापमं घोटाले में जमानत मिलने के बाद उसने कोर्ट के आदेश पर केजीएमयू में एमएस कोर्स में 2015 में दाखिला लिया था।
डॉ. मनीषा की मौत के बाद बड़ी बहन दीपा शर्मा ने न्यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेजीडेंट डॉ. उधम सिंह पर आरोप लगाया है कि उनकी वजह से बहन की मौत हो गई। आरोप है कि सीनियर उनकी बहन से छेड़छाड़ करता था। दीपा ने डॉ. उधम सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज करवाया है। मंगलवार से उसके इम्तिहान शुरू होने थे और वह पंद्रह दिन बाद एमएस की डिग्री हासिल कर लेती। मनीषा का नाम व्यापमं घोटाले में 2015 में आया था। मनीषा पर 2008-09 में दो छात्राओं के नाम पर व्यापमं की परीक्षा देने का आरोप था। आत्महत्या को लेकर पुलिस भी अलर्ट हो गई है। मूलरूप से कानपुर निवासी रमेश चंद्र विद्यार्थी की बेटी मनीषा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया था। घोटाले की जांच के दौरान एसआईटी ने ग्वालियर से मनीषा को गिरफ्तार किया था। वह छह माह तक मप्र की जेल में थी। महिला डॉक्टर दो छात्राओं के स्थान पर पीएमटी परीक्षा में बैठने का आरोप लगाया गया था। डॉ. मनीषा शर्मा की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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