स्वरूपानंद सरस्वती द्वारिकापीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे

जबलपुर,परमहंसी गंगा आश्रम में द्वारिका एवं शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मीडिया से रूबरू होकर शंकराचार्य स्वरूपानन्द और वासुदेवानन्द के विवादित मामले में स्वरूपानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है की वर्तमान में स्वरूपानंद सरस्वती ही हैं द्वारिकापुरी के साथ साथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे। खुद को शंकराचार्य कहने वाले वासुदेवानन्द शंकराचार्य नही है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य है जब तक सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय नहीं आता उत्तर प्रदेश प्रशासन उनको शंकराचार्य के रूप में मेले में भूमि आवंटन करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी बाधा के स्वरूपानंद द्वारिकापीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे। इनके अनुकूल ही उन्हें कुंभ मेले में भूमि आवंटित की जावे वही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वासुदेवानंद कभी भी शंकराचार्य नहीं रहे हैं। यदि वासुदेवानंद मेले में भूमि लेना चाहे तो वह प्रशासन से भूमि की मांग कर सकते हैं किंतु शंकराचार्य के रूप में नहीं वही मीडिया के सवालों पर शंकराचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल हिदुस्तान में रहने वाला व्यक्ति ही हिन्दू नही, हिंदू सनातन धर्म के अनुसार विश्व के किसी भी देश मे रहने वाला व्यक्ति जो सनातन धर्म को मानता है वह भी हिन्दू है। शंकराचार्य ने राम मंदिर विवाद पर कहा कि अयोध्या में भगवान राम की आराध्य के रूप में प्राण प्रतिष्ठा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अयोध्या में राम मंदिर मेंं भगवान राम की एक महान पुरुष के भांति मंदिर बनाने में लगे है। मोदी कहते है गंगा ने मुझे बुलाया है पर बनारस तक नही पहुंचा गंगोत्री का पानी। इस सरकार ने न खाने के लिए शुद्ध अन्न छोड़ा न जल मीडिया द्वारा नर्मदा के प्रदूषण के सवाल पर स्वरूपानंद बोले नर्मदा में मिल रहा मलमूत्र का दूषित जल, जो मां कही जाने वाली नर्मदा को प्रदूषित कर रहा है, शौचालय पर शंकराचार्य ने कहा की पीने के लिए पानी नही पर घर घर शौचालय की बातें होती है पानी बिना शौचालय भी बेकार है जितना पानी हम इस्तेमाल करते हैं शौचालय में उससे १५ गुना अधिक पानी लगता है, अवैध खनन के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि अवैध खनन से नर्मदा की धारा अवरुद्ध हो रही है हम हमेशा इसकी निंदा करते रहेंगे क्योंकि यह न्यायोचित नही है।

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