केंद्र सरकार राफेल घोटाले की कराने तैयार नहीं,कोर्ट जाने के लिए जरूरी दस्तावेज एकत्र कर रहे

इंदौर,बोफोर्स से भी बड़ा राफेल घोटाले की जांच केंद्र सरकार नहीं करा रही है। कांग्रेस यह मांग लगातार उठा रही है ताकि जांच के बाद वस्तु स्थिति का पता चले । यह बात आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान इंदौर में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कही।
उनसे यह सवाल करने पर कि आपके जैसे अनेक कानूनी विशेषज्ञ पार्टी में होने के बाद कांग्रेस मामले को कोर्ट में क्यों नहीं ले जाती, सिब्बल ने कहा कि उनके पास कोर्ट में जाने के लिए अभी जरूरी दस्तावेज नहीं है । दस्तावेज एकत्र करने का काम चल रहा है । महत्वपूर्ण दस्तावेज संग्रहित होने के बाद ही कोर्ट में जाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि वह किसी पर भी बिना दस्तावेज के कोई आरोप लगाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सौदे से पहले विदेश मंत्रालय तथा रक्षा मंत्रालय तक को भरोसे में नहीं लिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि तत्कालीन संप्रग सरकार के शासन के समय उचित मोल-भाव के बाद वर्ष 2012 में किये गए अनुबंध के मुताबिक एक राफेल विमान का खरीद मूल्य 560 करोड़ रुपए तय किया गया था। लेकिन मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा राजग सरकार ने सत्ता में आने के बाद यह अनुबंध रद्द कर दिया और वर्ष 2016 में नए अनुबंध के तहत एक राफेल विमान के बदले 1,600 करोड़ रुपए की कीमत चुकाने का सौदा किया।
उन्होंने कहा हम राफेल विमानों के निर्माण में प्रयुक्त तकनीक की जानकारी नहीं मांग रहे हैं। हम सरकार से बस इस बात का खुलासा चाहते हैं कि वर्ष 2012 के मुकाबले लगभग तीन गुना मूल्य पर इन विमानों का सौदा किस आधार पर किया गया। सिब्बल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मांग दोहरायी कि राफेद सौदा मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराई जानी चाहिए। उन्होंने एक सवाल पर संकेत दिए कि कांग्रेस राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा फिलहाल नहीं खटखटाएगी। वरिष्ठ विधिवेत्ता ने कहा जब तक हमें इस मामले में जरूरी दस्तावेज नहीं मिल जाते, तब तक हम अदालत नहीं जा सकते।
विवादास्पद राफेल सौदे के जवाब में कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार के समय सामने आए बोफोर्स घोटाले का मुद्दा गर्म किए जाने पर उन्होंने भाजपा नेताओं को झूठों के सरदार करार देते हुए कहा कि क्या बोफोर्स मामले में आज तक कुछ हुआ? अदालत ने लोगों को इस मामले में बरी कर दिया। हम देखेंगे कि वर्ष 2019 के बाद ये लोग राफेल सौदा मामले में किस तरह आरोपों से मुक्त होते हैं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के उद्योगपति दामाद रॉबर्ट वड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर गुरुग्राम में जमीन सौदों में कथित घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस संबंध में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा हमें पहले से पता था कि जैसे-जैसे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होगी, वैसे-वैसे ऐसे मामले बढ़ते जाएंगे।

 

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