माल्या की अगवानी के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 तैयार

मुंबई,मुंबई की चर्चित आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 के रंग रूप को बदलने के लिए जेल प्रशासन पूरी सक्रियता से जुटा है। बैरक की फर्श और टाइल्स बदली जा चुकी है, दीवारों की पुताई हो चुकी है और बाथरूम नए सिरे से तैयार किया गया है। यह सब कुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि फरार कारोबारी विजय माल्या ने ब्रिटेन से अपने प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए देश की जेलों की खराब हालत का हवाला दिया है। माना जा रहा है कि अगर भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण होता है, तो माल्या को आर्थर रोड जेल में रखा जा सकता है।
माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी सीबीआई ने जेल में बनी नई और बेहतर सेल का वीडियो शूट किया है। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में मदद के लिए इस टॉप सीक्रेट वीडियो को विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है। पीडब्लूडी का ठेका लेने वाली प्रमेश कंस्ट्रक्शन्स ने बैरक में नए सिरे से निर्माण किया है। ठेकेदार शिवकुमार पाटिल ने पुष्टि की है कि उन्होंने बैरक नंबर 12 में काम कराया है। इसी बैरक को 26/11 हमलों के दोषी आतंकी अजमल कसाब को कैद रखने के लिए बनाया गया था। पाटिल ने बताया कि मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताने के निर्देश दिए गए हैं। मेरे कर्मचारियों ने वहां काम किया है। हमने सेल की पुताई के साथ ही बैरक नंबर 12 की ओर जाने वाले रास्ते को पक्का किया है। हमने फर्श और टॉइलट को बिल्कुल नया कर दिया है। इसके अलावा हमने बाहरी हिस्से को भी पेंट किया है। माल्या के वकीलों ने लंदन की कोर्ट में दलील दी थी कि आर्थर रोड जेल में नैचरल लाइट का इंतजाम नहीं है। पाटिल का कहना है कि सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करने के लिए सेल में एक काली दीवार पेंट की गई है।
एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी का कहना है कि 10 अगस्त को जब सीबीआई के अधिकारी सेल का वीडियो शूट करने के लिए पहुंचे, तो काम से खुश नहीं थे। इसके बाद 13 अगस्त तक सेल को सजाया-संवारा गया और फिर 16 अगस्त को सीबीआई के अफसरों ने एक वीडियो शूट किया। ठेकेदार पाटिल का कहना है, दो सेल का नवनिर्माण हुआ है। इनमें से एक वह है, जिसमें छगन भुजबल को रखा गया है और दूसरी इसी सेल से लगी हुई है। दीवार पर टाइल्स लगाने के साथ ही फर्श को भी दोबारा तैयार किया गया है। यहां तक कि बाथरूम फिटिंग भी बदली गई है और इसमें नया कमोड और जेट स्प्रे लगाया गया है। इस काम को 45 कर्मचारियों ने पूरा किया। आर्थर रोड जेल के पीडब्ल्यूडी सेक्शन इंजिनियर इंचार्ज शैलेश पॉल का कहना है कि उन्होंने केवल वहां साफ-सफाई कराई है। साथ ही उन्होंने ज्यादा जानकारी के लिए वर्ली इलाके के एग्जिक्युटिव इंजिनियर के संपर्क में रहने को कहा। जब पीडब्ल्यूडी के वर्ली डिविजन की एग्जिक्युटिव इंजिनियर सुषमा गायकवाड़ से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सेल के नवीनीकरण के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी न होने की बात कही। उन्होंने कहा, यह एक प्रशासनिक काम है। हम अपने जॉब के तहत आर्थर रोड जेल में बहुत सारा काम करते हैं। वहां कौन रखा जाने वाला है, इस बारे में हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है।

 

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