पटना,बिहार में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है लेकिन इस दौरान करीब 13 मरीजों की मौत हो गई है। हड़ताल से मरीजों की हालत लगातार बिगड़ रही थी। हड़ताल की वजह से अस्पताल के इमरजेंसी और ओपीडी विभाग भी बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। प्रदेश के तीन बड़े मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हडताल कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक इस हड़ताल के दौरान 13 मरीजों की मौत रिपोर्ट की गई है और 50 से ज्यादा ऑपरेशन टाले जा चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 400 से ज्यादा मरीज अस्पतालों से पलायन कर चुके हैं। जूनियर डॉक्टरों को मनाने में स्वास्थ्य महकमा असफल रहा था।
एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टर की पिटाई के विरोध में गुरुवार को राजधानी पटना के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे। पटना में जूनियर डॉक्टरों की ये हड़ताल अब जानलेवा साबित हो रही थी। डॉक्टर दोषियों की गिरफ्तारी और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे थे। इसके पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पीएमसीएच और एनएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि डॉक्टरों की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं होगा। डॉक्टरों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया था कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। उन्होंने आरोपियों पर ठोस कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया था। बता दें कि बिहार के तीन बड़े मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टरों को मनाने के लिए गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ उनकी वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया था। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जूनियर डॉक्टरों को आश्वासन दिया था, लेकिन जेडीए को सरकारी आश्वासन पर भरोसा नहीं था।