नई दिल्ली,तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए बयान पर क्षमा मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर मेरा बयान गलत था, तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं। उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को दलाई लामा ने एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना देश के शीर्ष पद पर बैठें, लेकिन पहला प्रधानमंत्री बनने के लिए जवाहरलाल नेहरू ने ‘आत्म केंद्रित रवैया’ अपनाया था।
दलाई लामा के इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। कई राजनीतिक दलों ने इस बयान पर आपत्ति जताई थी। दरअसल, कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह बयान दिया था। तिब्बती गुरू का कहना था कि ‘मेरा मानना है कि सामंती व्यवस्था के बजाय प्रजातांत्रिक प्रणाली बहुत अच्छी होती है। सामंती व्यवस्था में कुछ लोगों के हाथों में निर्णय लेने की शक्ति होती है, जो बहुत खतरनाक होता है।’ उन्होंने कहा अब भारत की तरफ देखें। मुझे लगता है कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री का पद देने के बेहद इच्छुक थे, लेकिन पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि खुद को प्रधानमंत्री के रूप में देखना पंडित नेहरू का आत्म केंद्रित रवैया था। अगर महात्मा गांधी की सोच को स्वीकारा गया होता, तो भारत और पाकिस्तान एक होते। उन्होंने कहा मैं पंडित नेहरू को बहुत अच्छी तरह जानता हूं। वह बेहद अनुभवी और बुद्धिमान व्यक्ति थे, लेकिन कभी-कभी गलतियां हर कोई कर बैठता हैं।