रांची,झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन आज विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच नौ विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। विधानसभा में भोजनावकाश के बाद आज दोपहर दो बजकर नौ मिनट पर विधानसभा अध्य क्ष दिनेश उरांव ने आसन ग्रहण किया और करीब एक घंटा 16 मिनट में ही बिना कोई चर्चा विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच नौ विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। सभा द्वारा आज जिन नौ विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गयी, उनमें बिहार राजभाषा झारखंड संशोधन विधेयक 2018, झारखंड अधिवक्ता लिपिक कल्याण निधि विधेयक 2018, झारखंड जल, गैस और ड्रेने पाइप लाइन (भूमि में उपयोगकर्त्ता के अधिकारों का अर्जन) विधेयक 2018, कैपिटल विश्वविद्य्नालय विधेयक 2018, उषा मार्टिन विश्वविद्य्नालय संशोधन विधेयक 2018, साईनाथ विश्वविद्य्नालय संशोधन विधेयक 2018, औद्य्नोगिक विवाद झारखंड संशोधन विधेयक 2018 और झारखंड श्रम विधियां संशोधन और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम विधेयक 2018 और ठेका मजदूर विनियमन एवं उन्मूलन झारखंड संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी प्रदान कर दी।
इन विधायकों पर विपक्ष की ओर से झाविमो के प्रदीप यादव और कांग्रेस के आलमगीर आलम ने आपत्ति जताते हुए इसे विचार के लिए प्रवर समिति को सौंपने की सिफारिश की। आलमगीर आलम ने इन सभी नौ विधेयकों पर एक साथ आपत्ति जताते हुए इसे प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की, वहीं झाविमो के प्रदीप यादव ने एक-एक कर सभी विधेयकों की खामियों को सदन में गिनाते हुए इसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग की। वहीं नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इन विधेयकों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जब तक भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को वापस नहीं लेलिया जाता है, तब तक इन सारे विधेयकों को वापस ले लिया जाना चाहिए। इसके बावजूद सभी विधेयकों को एक-एक कर प्रवर समिति को सौंपने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
दूसरी तरफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई विधायक वेल में आकर भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे। सभी नौ विधेयकों को मंजूरी मिल जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।