हार्टअटैक के बाद क्षतिग्रस्त मांसपेशियों फिर से हो सकेंगी विकसित

लंदन, हृदय रोग के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों ने हार्टअटैक के बाद दिल के कोशिकाओं को दोबारा विकसित करने में सक्षम एक नया उपचार खोज निकाला है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह उपचार मरीजों में दिल की धड़कन रुकने की समस्या को रोकने में सहायक हो सकता है। हार्टअटैक के वक्त दिल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है और इसकी मासपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। खत्म हो चुकी या खत्म होने जा रही कोशिकाओं को हटाने के लिए प्रतिरोधक कोशिकाओं को भेजा जाता है लेकिन ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो चुके दिल में जा कर जलन पैदा कर देती हैं और यह स्थिति दिल की धड़कन रुकने का कारण बन सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया कि चूहों में हार्टअटैक के बाद वीईजीएफ-सी नामक प्रोटीन इंजेक्शन दिए जाने के बाद, क्षतिग्रस्त हो चुकी दिल की मासपेशियों की कोशिकाओं में काफी कमी आ गई। साथ ही इसने दिल को खून की आपूर्ति करने के लिए पूरी तरह से ठीक कर दिया। इसकी तुलना में जिस चूहे को उपचार नहीं मिला, उसके लगभग आधे दिल ने काम करना बंद कर दिया। पत्रिका ‘ऑफ क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक अतिरिक्त लिम्फेटिक वाहिकाओं ने प्रतिरोधी कोशिकाओं को मृत अथवा मृत हो रही कोशिकाओं की मरम्मत करने तथा हटाने में मदद की।

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