अब विकास के आगे समृद्ध मध्यप्रदेश का निर्माण हो इस लिए जनता के बीच जा रहा हूँ : श‍िवराज

इन्दौर,2003 में सत्ता परिवर्तन के बाद हमें एक बदहाल मध्य प्रदेश विरासत में मिला था, जिसे देश बीमारू मध्यप्रदेश के नाम से जानता था। तीसरे कार्यकाल तक आते-आते हमनें मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से ‘विकासशील’ और विकासशील से एक ‘विकसित मध्यप्रदेश’ बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये है। अब चौथे कार्यकाल में विकसित मध्यप्रदेश से आगे का जो लक्ष्य है, वह है ‘समृद्ध मध्यप्रदेश’। ‘समृद्ध मध्यप्रदेश’ के निर्माण के लिए जनता एक बार फिर भाजपा को आशीर्वाद दें, इसी संदेश को लेकर मैं जनता के बीच जा रहा हूँ।
यह बात चौथीं महाविजय के लिए तीसरी जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने रविवार को इन्दौर की रेसीडेंसी कोठी पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री चौहान उज्जैन में मिले जनसमर्थन से उत्साहित नज़र आए। उन्होंने बताया कि शनिवार को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करके, ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ पार्टी के आदेश पर मैंने फ‍िर प्रारंभ की है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कल यात्रा का शुभारंभ करने आए थे। कल जो उज्जैन का महौल था, वह अद्भुद और अभूतपूर्व था। न केवल यात्रा के शुभारंभ की सभा, बल्कि उसके बाद जब मैं आशीर्वाद लेने सड़कों पर निकला, तो घनघोर बार‍िश के बीच भी समाज के हर वर्ग ने, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे, माताऍं, बहनें, बेट‍ियॉं सम्मलित थी, जो स्नेह और प्यार दिया, उसने मुझे अभ‍िभूत कर दिया। लोग बरसते पानी में दौड़ते रहे और स्नेह लुटाते रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि आप सच्चे दिल से जनता की सेवा करते है, तो जनता उससे कहीं ज्यादा आपसे स्नेह करती है। 2008 में भी मैंने जन आशीर्वाद यात्रा पूरे प्रदेश में की थी, 2013 में भी मैं निकला था, लेकिन कल जैसा दृश्य मैंने 2008 और 2013 में नहीं देखा। मैं जनता का आभारी हूँ।
कांग्रेस ‘ई’, अब कांग्रेस ‘पी’ हो गयी…!
कांग्रेस के सभी नेताओं का एक होना, क्या भाजपा के लिए ख़तरे की घंटी है? इस सवाल पर मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे लिए कुछ भी ख़तरा नहीं है। क्योंकि फैसला जनता करती है। चौहान ने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि कांग्रेस नेता एक हो गये है तो एकता यात्रा क्यों निकाली जा रही है, समन्वय सम्मेलन क्यों हो रहे है? उन्होंने कहा कि ”मैंने उज्जैन से यात्रा शुरू की, तो उन्होंने (कमलनाथ ने) महाकाल महाराज को एक चिट्ठी लिखी दी! श‍िवराज ने कहा कि चिट्ठी लिखने से महाकाल महाराज प्रसन्न थोड़े होते है। महाकाल की शरण में जाओ, उनकी पूजा-अर्चना करो, साधना करो, सेवा करो तो प्रसन्न होते है। कांग्रेस के मित्र मेरा अंधा विरोध जरूर करते रहते है और कुछ नहीं मिला, तो एक चिट्ठी लिख दो। चिट्ठी लिखने से कुछ नहीं होगा, आपकी इन्हीं गत‍िविध‍ियों (हरकत शब्द मैं नहीं कहूंगा) के कारण कांग्रेस ‘ई’ अब कांग्रेस ‘पी’ हो गयी है, कांग्रेस ‘पी’ का मतलब अब कांग्रेस सीमित हो गई है ‘एक परिवार’ तक, बाकी कहीं, वह बची नहीं है। भाजपा के ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के जवाब में कांग्रेस ‘जन आक्रोश रैली’ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शब्दों के बाण चलाने में निरंतरता है, लेकिन जनता काम देखती है और काम के कारण ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मैं आश्वस्त हूँ।

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