थाई गुफा में बचाव ऑपरेशन में इस्तेमाल हुई भारत की पंपिंग तकनीक

नई दिल्‍ली,थाईलैंड की गुफा में घटी घटना में भारतीय टीम ने भी अहम भूमिका निभाई थी। गुफा में बाढ़ के कारण फंसे 12 बच्‍चों व उनकी टीम के कोच को वहां से बचाने में अन्‍य देशों के साथ भारत ने भी सराहनीय काम किया है। पुडुचेरी की उप राज्‍यपाल किरण बेदी ने गुरुवार को ट्वीट कर थाईलैंड के इस मिशन में भारत की भूमिका को महत्‍वपूर्ण बताया। बैंकॉक में भारतीय दूतावास ने थाई अधिकारियों को जानकारी दी कि भारतीय कंपनी किर्लोस्‍कर ब्रदर्स के पास बाढ़ प्रबंधन के लिए पंपिंग तकनीक है जो गुफा से पानी निकालने में मदद कर सकती है। थाईलैंड ने भारत से कंपनी के इन पंपों को भेजने का आग्रह किया। जिसके बाद स्‍वयं डिजाइन प्रमुख ने थाईलैंड जाकर रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में अधिकारियों की मदद की। उन्‍होंने अपने ट्वीट में कहा कि हम में से कितने लोग यह जानते हैं कि थाई गुफा में घटी घटना में भारतीय टीम ने मुख्य भूमिका निभाई थी। थाईलैंड ने पुणे के किर्लोस्कर ब्रदर्स द्वारा बनाये गए बाढ़ पम्प के लिए भारत से गुज़ारिश की थी। डिज़ाइन के प्रमुख प्रसाद कुलकर्णी ने शुक्रवार शाम को वहां पहुंच प्राधिकारियों की मदद की।
18 दिन बाद गुफा से बाहर आए बच्‍चों व कोच के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में भारत की ओर से दी जाने वाली मदद के लिए थाईलैंड ने भारत का शुक्रिया अदा किया है। थाईलैंड की ओर से कहा गया है कि वे भारत की ओर की गई इस मदद को हमेशा याद रखेंगे। थाईलैंड के गोताखारों ने अंतरराष्ट्रीय टीम की मदद से लापता बच्‍चों व उनके कोच को खोज निकाला था। वे गुफा के मुहाने से करीब चार किमी अंदर थे। फुटबॉल ट्रेनिंग के बाद वे गुफा में घूमने गए थे लेकिन अचानक भारी बारिश होने से वे गुफा में फंस गए। बता दें कि तीन दिनों के रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में वहां फंसे तमाम बच्‍चों व कोच को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन में कुल 90 गोताखोर थे, जिसमें से 50 विदेशी और 40 थाई गोताखोर थे।

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