मुंबई-ठाणे में मुसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त,कई जगह ट्रेने रोकी गईं

मुंबई, मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे जिले सहित समूचे महाराष्‍ट्र में शुक्रवार देर रात से ही तेज बारिश होने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. खासकर निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. वहीं कई इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी आने से ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ा है. इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे पूरे महाराष्‍ट्र में तेज बारिश की चेतावनी जारी की है. भारी बारिश के चलते जगह-जगह पर ट्रेनों को रोक दिया गया है और सड़क पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है. भारी बारिश के चलते सभी एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 3 टीम तैयार है. मछुआरों को समंदर में नहीं जाने की हिदायत दी गई है तथा लोगों को समंदर के किनारे नहीं जाने के निर्देश दिए हैं. उधर लगातार हो रही भारी बारिश और आसमान में काले बादल को देखकर लोगों को 26 जुलाई 2005 की याद सताने लगी है जब लगातार दो दिनों की बारिश के चलते मुंबई और ठाणे जिले में बाढ़ आ गई थी जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था और दर्जनों लोगों की मौत हुई थी. इस बीच मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे जिले में शनिवार सुबह से ही आफत की बारिश शुरू हो गई है. इसके चलते मध्य रेलवे के कल्याण-पुणे रेलखंड पर विट्ठलवाडी तथा कर्जत स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण कुछ घंटे के लिए ट्रेनों के परिचालन को रोक दिया गया. सुबह करीब साढ़े दस बजे कल्‍याण से अंबरनाथ और खोपाली जाने वाली सभी ट्रेनें रोक दी गई. मध्‍य रेलवे के मुताबिक ट्रेन केवल कल्‍याण तक चलाई जा रही थी. सीएसटी से कल्‍याण तक ट्रेन जा रही थी उसके बाद उसे रोक दिया जा रहा था. भारी बारिश के चलते मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, डोंबिवली, कल्याण, उल्हासनगर, अंबरनाथ तथा भिवंडी क्षेत्र में सड़कों पर पानी भर गया है, जिसके कारण कई जगह पर रूट को भी डायवर्ट कर दिया गया है. रूट डायवर्ट होने से कई जगह पर ट्रैफिक जाम की शिकायत मिल रही है. भारी बारिश के चलते मीठी नदी, उल्हास नदी तथा वालधुनी नदी पूरे उफान पर है जिसके चलते निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटे तक मुंबई और महाराष्‍ट्र के आसपास भरी बारिश होने के अनुमान है. यानि कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि भारी बारिश के चलते चारों तरफ हाहाकार मचना शुरू हो गया है और अगर इसी तरह बारिश होती रही तो बाढ़ आने का अंदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता.

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