तिरुअनंतपुरम,केरल के एक व्यक्ति ने कतर के शाही परिवार के एक सदस्य की ईमेल आईडी हैक कर वहां के म्यूजियम से 5.2 करोड़ रुपये ले लिए। पुलिस ने बताया के आरोपी का नाम सुनील मेनन है और वह ऑनलाइन बिजनेस करता था। मेनन 15 साल से कतर सहित कई देशों में ऑडिटर के रूप में काम करता था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
केरल पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, आरोपी ने कतर म्यूजियम के मुखिया व अमीर की बहन शेखा अल मयासा बिंत हमद बिन खलीफा अल थानी की ईमेल आईडी हैक की। फिर उसने कतर म्यूजियम को एक ऐप से जेरोमी नेपोलियन नाम की अमेरिकी फर्म को पैसे देने का संदेश भेजा। इस फर्म को कतर के अमीर शेख तमीम बिल हमद अल थानी की तस्वीरें बनाने को कहा गया था।
मेल में आरोपी ने लिखा कि जेरोमी नेपोलियन ने कतर म्यूजियम को अमीर की गोल्ड प्लेटेड पैंटिंग बेचने का प्रस्ताव दिया है। इन तस्वीरों की लागत 10.40 करोड़ रुपये होगी और आधी रकम यानी 5.20 करोड़ रुपये एडवांस देने देने होंगे। कतर शाही परिवार के कुछ सदस्यों की ईमेल आईडी पाने के बाद सुनील ने ऐसी ऐप खोजी जिसमें मेल जाता है और मिलने वाले को वह किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से दिखता है।
इसके बाद सुनील ने म्यूजियम को मेल भेजा और यह उनके पास म्यूजियम के मुखिया के नाम से पहुंचा। इसमें नेपोलियन फर्म को 5.20 करोड़ रुपये देने को कहा गया था। सुनील ने ही नेपोलियन की ओर से जवाब दिया। इसी तरह से एक अन्य मेल शेखा अल मयासा की ईमेल आईडी से भेजा गया और इसमें पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया। इस पर म्यूजियम ने पैसे ट्रांसफर कर दिए।
थानाधिकारी पीसी बीजूकुमार ने बताया, ‘म्यूजियम की गवर्निंग कमिटी के एक सदस्य को शक हुआ और धोखाधड़ी पकड़ी गई।’ म्यूजियम के आईटी विशेषज्ञों ने जांच की तो सामने आया कि सुनील ने जेरोमी नेपोलियन के नाम से फर्जी मेल आईडी बनाई। म्यूजियम की फाइनेंशियल एनालिसिस यूनिट में काम करने वाले शफीक ने केरल में मामला दर्ज कराया। शफीक कोझिकोड के रहने वाले हैं। सुनील ने 5.20 करोड़ रुपये में से एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए। उसने 23 लाख रुपये की गाड़ी खरीदी। 12 लाख रुपये उसने रिश्तेदारों को लोन दे दिए। बाकी के पैसे उसने अलग-अलग बैंक खातों में जमा करा दिए। बैंकों ने अब खाते फ्रीज कर दिए हैं।