बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाओं ने असर करना बंद कर दिया

लंदन,शोधकर्ता वैज्ञानिकों का दावा है कि एमआरएसए और वीआरई जैसे बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाओं ने असर करना बंद कर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि 2050 के बाद हर साल एक करोड़ से अधिक लोग सुपरबग के संक्रमण का शिकार होंगे। इन सुपरबग को नष्ट करने के लिए भारतीय मूल के वैज्ञानिकों ने एक नया एंटीबायोटिक विकसित किया है। तीस सालों में एंटीबायोटिक के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी खोज बताई जा रही है। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ता ने टेइक्सोबैक्टिन को संश्लेषित कर चूहों के बैक्टीरिया संक्रमण का उपचार किया। टेइक्सोबैक्टिन के अमीनो एसिड में बदलाव कर कई तरह के एंटीबायोटिक का निर्माण किया गिया था। चूहों पर इसका प्रयोग पूरी तरह सफल रहा। नया एंटीबायोटिक संक्रमण को खत्म करने के साथ बैक्टीरिया को भी पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम है। भारतवंशी शोधकर्ता लक्ष्मी नारायण सिंह का कहना है, एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए हमें एक हथियार की जरूरत थी। यह एंटीबायोटिक दवा बैक्टीरिया के जीवित रहने के मूल कारण पर चोट कर उसे पूरी तरह नष्ट कर देती है। इस खोज से बैक्टीरिया संक्रमण के इलाज में क्रांति आ जाएगी। नया एंटीबायोटिक संक्रमण को खत्म करने के साथ बैक्टीरिया को भी पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम है।

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