उज्जैन,देशभर में दलितों के साथ हो रहे अत्याचार के बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन से हैरान कर देने वाली खबर आई है। उज्जैन की माहिदपुर तहसील में सरपंचों और पंचायत सचिवों को आदेश दिया गया है कि दलितों के घर पड़ने वाली शादी की सूचना पुलिस को पहले ही दे दें। प्रशासन ने आदेश दिया है कि सरपंच और पंचायत सचिव अपने अधिकार क्षेत्र में किसी दलित के घर पड़ने वाली शादी की सूचना शादी से कम से कम तीन दिन पहले पुलिस को दें। दरअसल प्रशासन ने यह कदम बीते दिनों उज्जैन के नाग गुराडियां गांव में एक दलित दूल्हे को सवर्णों द्वारा घोड़ी से जबरन उतारे जाने की घटना को देखते हुए उठाया है। माहिदपुर के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जगदीश गोमे ने एक सर्कुलर जारी कर सरपंचों और पंचायत सचिवों को दलितों के घर होने वाली शादियों को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है। जगदीश गोमे ने कहा, यह कदम एहतियातन उठाया गया है। हम नहीं चाहते कि कोई अनहोनी घटना घटे। किसी के साथ घटना हो जाने के बाद कोई सबूत नहीं मिल पाता, क्योंकि आरोपी हर आरोप से इंकार करता है और बिल्कुल नई कहानी सुनाता है। इससे अच्छा है कि बारात निकलने के वक्त पुलिस मौजूद रहे। गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों से दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बीते सप्ताह 30 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के बदायूं और राजस्थान के भीलवाड़ा से भी दलित दूल्हे के साथ सवर्णों द्वारा मारपीट के दो मामले सामने आए। बदायूं में वाल्मीकि समाज के एक व्यक्ति को गेंहूं की फसल काटने से मना करने पर मारा-पीटा, उसकी मूंछें उखाड़ लीं और जूते में पेशाब भरकर पिलाया। पीड़ित ने गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। दूसरी ओर भीलवाड़ा के गोवर्धनपुर गांव में पुलिस को पहले से सूचित किए जाने के बावजूद सवर्णों ने एक दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर मारा-पीटा। इस हमले में दूल्हा बुरी तरह घायल हो गया। पूरी घटना का वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ था।