12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर मौत की सजा,दो कानूनों में होगा बदलाव कैबिनेट से मंजूरी

12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म पर होगी फांसी,पॉक्सो सहित दो कानूनों में होगा बदलाव 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म पर होगी फांसी,पॉक्सो सहित दो कानूनों में होगा बदलाव नई दिल्ली,देश में मासूमों के दरिंदगी की बर्बर वारदातों से सरकार भी सकते में है। कठुआ, उन्नाव, सूरत की घटनाओं से देश उबरा नहीं कि इंदौर में सिर्फ 8 महीने की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या की खबर आई। इसके बाद मोदी सरकार ने मासूमों से दरिंदगी के मामले में सख्त सजा वाले कानून का प्रावधान किया है। अब 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। यह सजा पॉक्सो एक्ट में बदलाव के बाद जी जाएगी। फिलहाल 12 साल तक की बच्ची से रेप पर अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। शनिवार को प्रधानमंत्री आवास पर ढाई घंटे चली बैठक के बाद एक अध्यादेश को लाने की मंजूरी दी गई है। अभी पॉक्सो के तहत कम से कम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि सजा का दायरा बढ़ाने के अध्यादेश लाया जायेगा और इसको अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

एक नजर में खबर

-2012 में बने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) और साक्ष्य कानून में संशोधन किया जाएगा। -भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) में भी बदलाव किए जाएंगे।-मोदी सरकार इस नए अध्यादेश को लाने के साथ ही ऐसे कदम भी उठाएगी जिससे दुष्कर्म के मामलों की जांच तेजी से हो और पीडि़त को जल्द से जल्द इंसाफ मिल सके।

फांसी की सजा देने के लिए कानून बनाने वाला एकमात्र राज्य है मध्यप्रदेश

 वर्तमान तक चार राज्यों मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने का कानून है। हालाकि राज्यों द्वारा बनाये गये कानून राज्य विधानसभा से पारित होकर राष्ट्रपति के पास पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं मिल पाई है।

अब ऐसे मिलेगी सजा

पीडि़त पहले सजा अब सजा12 साल की बच्ची 7 वर्ष कैद, अधिकतम उम्रकैद 20 साल कैद, अधिकतम फांसी13 से 16 साल की बच्ची 10 वर्ष कैद, अधिकतम उम्रकैद 20 वर्ष कैद, अधिकतम उम्र कैद वयस्क महिला 7 वर्ष कैद, अधिकतम उम्रकैद 10वर्ष कैद, अधिकतम उम्र कैद क्या है अध्यादेश तुरंत कानून बनाना हो तब सरकार लाती है अध्यादेश अस्थायी नियम होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत सरकार अध्यादेश लाती है, जिसे राष्टपति मंजूरी देते हैं। यह तब होता है जबकि जब संसद सत्र नहीं चल पाये और किसी कानून में तुरंत बदलाव करना हो और कानून में संसद के जरिए संशोधन होने तक इंतजार न किया जा सके। कब, कितने अध्यादेश लाई सरकार साल अध्यादेश2017 082016 102015 092014 07

सीएम का ट्वीट

इंदौर की घटना ने आत्मा को झकझोर दिया इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र में 4 माह की मासूम के साथ हुई हैवानियत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया- इंदौर की घटना ने आत्मा को झकझोर दिया है। इतनी छोटी बच्ची के साथ ऐसा घिनौना कृत्य। समाज को अपने अंदर झांकने की जरूरत है। प्रशासन ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि उसे जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिले। मैं अपील करता हूं कि ऐसे बलात्कारियों को फांसी की सजा दिए जाने के लिए बिल पास होना चाहिए।

दिग्विजय का ट्वीट

हैवानियत की हद, आरोपी को मिले कड़ी सजा भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया- इंदौर मप्र में 8 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या। हैवानियत की भी हद है। समाज और देश कहां जा रहा है ? अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

सांसद हेमा मालिनी बोली

महिलाओं के खिलाफ पहले भी अपराध होते थे, अब प्रचार ज्यादा हो रहा उत्तर प्रदेश के मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा- बच्चों और महिलाओं के साथ पहले भी अपराध होते थे, लेकिन मौजूदा वक्त में इन्हें ज्यादा प्रचारित किया जा रहा। बच्चों और महिलाओं के साथ अपराधों को आजकल ज्यादा पब्लिसिटी मिल रही है। पहले भी शायद ऐसा हुआ हो मालूम नहीं था। लेकिन इसके ऊपर जरूर ध्यान दिया जाएगा। जो घटनाएं आजकल हो रही हैं, उन्हें रोका जाए। इससे देश का नाम खराब हो रहा है।

लापरवाह एएसआई सस्पेंड

इंदौर में 4 महीने की मासूम से रेप के बाद हत्या की सूचना के बाद भी पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी। इस मामले में डीआईजी ने सराफा थाने के एएसआई त्रिलोकचंद बरकड़े को सस्पेंड कर दिया है।और इधर… दुष्कर्म पीडि़ता ने जन्मा बच्चामध्यप्रदेश के खरगोन के नजदीक बोरावा गांव में दुष्कर्म पीडि़ता ने सात माह के बच्चे को जन्म दिया है। पीडि़ता से उसके घर के पास में रहने वाला युवक पिछले दो साल से दुष्कर्म कर रहा था। 35 साल का आरोपी शादीशुदा है और मोबाइल पर वीडियो बनाकर बदनाम करने की धमकी देकर इस वारदात को अंजाम दे रहा था। पिछले दिनों पीडि़ता ने जब पेटदर्द की शिकायत की तो परिजन उसको लेकर अस्पताल गए थे उस वक्त पीडि़ता के गर्भवती होने का पता चला था। बच्चे के जन्म के बाद उसको परिजनों ने अपनाने से इंकार कर दिया है। अस्पताल पुलिस चौकी ने पीडि़ता के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की जांच की जा रही है।

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