नई दिल्ली,देश के कई शहरों में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण हो रहा है। राजधानी दिल्ली स्थित ओडिशा भवन में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण का आरोप ओडिशा के कई वरिष्ठ नौकरशाहों पर लगाया है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की जांच सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की गई है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में ओडिशा निवासी सुभाष मोहपात्रा ने दावा किया कि ओडिशा में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण का बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है। इन्हें अगवा कर ओडिशा के अलावा गोवा, दिल्ली आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र ले जाया जाता है। वहां सरकारी अधिकारी व रसूखदार लोग उनका यौन शोषण करते हैं। इस पूरे रैकेट के पीछे राज्य के पांच वरिष्ठ नौकरशाह हैं।
अधिवक्ता संजय सहगल व तरुण नारंग के जरिये दायर याचिका में दावा किया कि इस सैक्स रैकेट की खबरें ओडिशा के एक दैनिक समाचार पत्र ने 22 अक्तूबर 2014, 12 व 13 नवंबर 2014 को प्रकाशित की थीं। मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस के खुफिया विभाग को भी थी, लेकिन वरिष्ठ नौकरशाहों के इसमें शामिल होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा गया कि भुवनेश्वर के खांडागिरी हिल पर स्थित एक गेस्ट हाउस में स्कूली छात्राओं को ले जाकर यौन शोषण होता है। इन लड़कियों की मोबाइल से वीडियो बनाए जाते हैं, ताकि आगे भी धमकाकर शोषण हो सके। याची ने कहा कि इन लड़कियों व उनके परिजनों को धमकाया था। इसके बाद उसने 11 अप्रैल 2015 को खांडागिरी पुलिस को शिकायत दी, जिसे लेने से मना कर दिया। इसके बाद याची ने 20 अप्रैल 2015 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग की शिकायत पर करीब 1 माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद याची को आयोग की वेबसाइट से जानकारी मिली कि उसकी शिकायत पर दोबारा संज्ञान लेकर ओडिशा राज्य आयोग को जांच सौंप दी गई है, जबकि आयोग ऐसा नहीं कर सकता था। याची का कहना है कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में सीबीआई की एसआईटी से इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए, क्योंकि इसमें वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हैं। इस मामले में केंद्र सरकार व महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाले आयोग को भी पार्टी बनाया जाए।