आज मैं जहां पहुंचा हूं, उसके पीछे आलोचक ही हैं: प्रधानमंत्री मोदी

लंदन, प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल लंदन के वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल से ही विपक्षी दलों पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने भारत की बात, सबके साथ कार्यक्रम के माध्यम से आलोचकों को जवाब दिया, जिसका संचालन गीतकार और सेंसर बोर्ड चेयरमैन प्रसून जोशी कर रहे थे। मोदी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आलोचनाएं लोकतंत्र की खूबसूरती होती हैं। इसी संदर्भ में विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि आज मैं जहां पहुंचा हूं, उसके पीछे आलोचक ही हैं। लंदन के इस कार्यक्रम के करीब-करीब अंतिम हिस्से में एक युवती ने मोदी से सवाल किया कि देश में कई शक्तियां हैं जो किसी भी तरह सत्ता हासिल करने में लगे हुए हैं, क्या आप डगमगाते नहीं? इसके जवाब में मोदी ने कहा कि आलोचनाएं लोकतंत्र की ब्यूटी होती हैं। लोकतंत्र में अगर विरोध नहीं, आलोचना नहीं तो फिर लोकतंत्र कैसा? मैं मानता हूं कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती आलोचना है। मोदी सरकार की भरपूर आलोचना होनी चाहिए। आलोचना से ही तपकर लोकतंत्र पनपता है। आलोचनाएं सरकारों को भी सतर्क रखती हैं। आलोचना को मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।
कार्यक्रम में लोगों से रूबरू होने और उनके सवालों का जवाब देने के क्रम में मोदी ने कहा ‎कि चुनाव के दौरान एक विषय पर मेरी भरपूर आलोचना होती थी। मोदी चाय बेचने वाला है, एक राज्य का मुख्यमंत्री है, उससे क्या होगा। विदेशनीति तो बिल्कुल नहीं समझ पाएगा। देश का भट्टा बैठा देगा, लेकिन आज चार साल बाद कोई यह सवाल नहीं उठा सकता है। इसका कारण मोदी नहीं है। मोदी को सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत का भरोसा है। मोदी ने इस कार्यक्रम में सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर मोदीकेयर, स्वच्छ भारत से लेकर नोटबंदी तक कई विषयों पर अपनी राय रखी। मोदी ने कठुआ और उन्नाव गैंगरेप पर देश में भड़के आंदोलनों और आक्रोश के संदर्भ में कहा कि बलात्कार तो बलात्कार होता है, और उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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