मुंबई,बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में नया मोड़ आया है। इस मामले फिर एक गवाह बयान से पलट गया है। मामले में अभी तक कुल 50 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं। बता दें कि सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी का नवंबर 2005 में एनकाउंटर हुआ था। इस मामले की जांच और सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात में इस केस की जांच को प्रभावित किया जा रहा था और केस को 2012 में मुंबई ट्रांसफर कर कहा था कि इस मामले की शुरू से अंत तक सुनवाई एक ही जज करेगा। हालांकि 2014 में ही जज जेटी उत्पत का ट्रांसफर कर दिया गया।
उत्पत के बाद इस केस में जज बृजगोपाल लोया को लाया गया। नियुक्ति के छह महीने बाद लोया की नागपुर में एक कार्यक्रम में मौत हो गई थी। जज लोया की मौत पर भी काफी विवाद हुआ था हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे बैन को हटा दिया था। मीडिया की रिपोर्टिंग पर बैन निचली अदालत ने 29 नवंबर के अपने आदेश में लगाया था। कुछ समय पहले एक मैग्जीन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि जस्टिस लोया की मौत साधारण नहीं थी बल्कि संदिग्ध थी। जिसके बाद से ही यह मामला दोबारा चर्चा में आया। लगातार इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी रही है। हालांकि,जज लोया के बेटे अनुज लोया ने कुछ दिन पहले ही पत्रकार वार्ता कर इस मुद्दे को बड़ा करने पर नाराजगी जाहिर की थी। अनुज ने कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी, वह इस मसले को बढ़ावा देने नहीं चाहते हैं।