नई दिल्ली,भाजपा शासित मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी की ओर से बड़े बदलाव किए गए हैं। राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष अशोक परनामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं राकेश सिंह को बीजेपी ने मध्य प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष अशोक परमानी ने किस वजह से इस्तीफा दिया, इसका पता नहीं चल पाया है। लेकिन उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेज दिया है। हालांकि इस पद से इस्तीफे के बाद बीजेपी अध्यक्ष ने सांसद अशोक परनामी, नंद कुमार सिंह चौहान और डॉ. के हरिबाबू (आंध्र प्रदेश) को बीजेपी की राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य नियुक्त किया है। वहीं पार्टी की ओर से राकेश सिंह को मध्य प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राकेश जबलपुर से बीजेपी के सांसद हैं और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक हैं। वह जबलपुर से तीसरी बार सांसद चुनकर आए हैं। उन्होंने नंद कुमार सिंह चौहान का स्थान लिया है, जो इस पद पर साल 2014 से कार्यरत थे। बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने पार्टी में इस संगठनात्मक नियुक्ति की जानकारी दी। मध्य प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष में बदलाव की पहल ऐसे समय में की गई है, जब इसी वर्ष राज्य विधानसभा का चुनाव होना है। भोपाल में मंगलवार की रात प्रदेश बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक में राकेश सिंह के नाम को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के संगठन महामंत्री राम लाल मौजूद थे। बता दें कि राकेश सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद लोगों में से एक हैं। राकेश सिंह ने अपना राजनीतिक सफर जबलपुर के साइंस कॉलेज से शुरू किया था। वह 2004 से जबलपुर संसदीय सीट से सांसद हैं। 2014 में वह तीसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने विवेक तनखा को शिकस्त दी थी। इससे पहले राकेश सिंह केन्द्रीय कार्यकारिणी में भी रह चुके हैं। भाजपा संगठन से बहुत मजबूत रिश्तों के अलावा वह महाराष्ट्र में सह प्रभारी भी रह चुके हैं। राकेश सिंह को चुने जाने के पीछे एक बड़ा कारण और है। दरअसल, राज्य में कोई भी बड़ा प्रतिनिधित्व महाकौशल और विशेष रूप से जबलपुर से नहीं रहा है और यह क्षेत्र बीजेपी का सबसे मज़बूत गढ़ माना जाता है। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र को प्रकाश में लाने और पार्टी की गतिविधियों को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए राकेश सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से नवाज़ा गया है। पहले माना जा रहा था कि 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को सत्ता दिलाने वाली नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज सिंह की जोड़ी इस बार फिर से कमाल दिखा सकती है, लेकिन तोमर दिल्ली से केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर प्रदेश में वापस नहीं आना चाहते थे। इसलिए जनसंपर्क एवं संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम उछलकर सामने आया और लगभग तय भी माना जा रहा था। लेकिन नागपुर में मोहन भागवत और दिल्ली में आलाकमान से शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात के बाद अचानक समीकरण बदले। इसके ठीक पहले शिवराज सिंह अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले लाल सिंह आर्य का नाम भी सुझा चुके थे, लेकिन मुलाकातों के दौर के बाद यह माना जा रहा था कि किसी भी नाम पर कभी भी मुहर लग सकती है। मंगलवार को बढ़ी सरगर्मियों के बाद अचानक राकेश सिंह का नाम सामने आया और यह फायनल हो गया कि अगले प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ही होंगे।