वीएचपी के नए कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा संगठन बड़ा होता है, व्यक्ति नहीं

नई दिल्ली,विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) में संगठनात्मक चुनाव परिणामों पर प्रवीण तोगड़िया की आलोचनाओं को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए वीएचपी ने कहा है कि संगठन बड़ा होता है, व्यक्ति नहीं। वीएचपी के नए अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, अगर कोई व्यक्ति स्वयं को संगठन से बड़ा समझ लेता है तो वहीं से गलती शुरू कर देता है। सभी लोग विभिन्न स्थानों पर संगठन की मजबूती और बेहतरी के लिए प्रयास करते हैं। लोगों को व्यवस्था संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है और सभी मिल-जुलकर काम करते हैं। वीएचपी के इतिहास में पांच दशकों में पहली बार हुए चुनाव में पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इस चुनाव में कोकजे ने राघव रेड्डी को पराजित किया। आलोक कुमार वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष चुने गए। इस पद पर पहले प्रवीण तोगड़िया थे। उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था। आलोक कुमार ने कहा कि तोगड़िया ने चुनाव परिणाम के बाद कुछ बातें गुस्से में कही हैं। हम सभी को यह समझने की जरूरत है कि राम मंदिर केवल वीएचपी का ही नहीं, बल्कि करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं का विषय है। इसमें कोई रहे या न रहे, साधु, संत और समाज के सहयोग से मंदिर बन कर रहेगा। इससे पहले तोगड़िया ने कहा था कि वह अब वीएचपी में नहीं हैं। अब वह लोगों के लिए काम करेंगे और राम मंदिर के मुद्दे पर अनशन करेंगे। लेकिन हिन्दू समाज की एकजुटता पर जोर देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि देश के भीतर सामाजिक समरसता का भाव पैदा करने पर जोर देने की विशेष आवश्यकता है। हिन्दू समाज में कहीं भी किसी भी स्तर पर बिखराव न दिखाई दे, इसके लिए विशेष रूप से प्रयास करने की जरूरत है और वह ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा कि देश को यदि मजबूत बनाना है तो सामाजिक समरसता पर काम करना होगा। वीएचपी किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि देश के खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ है। यह देश सबका है, यह भाव हर किसी के मन में होना चाहिए। राम मंदिर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं का प्रतीक है और यह किसी संगठन का विषय नहीं है।

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