पानी को लेकर परिषद में हुआ हंगामा, निगम अधिकारी आए लपेटे में

ग्वालियर,पेयजल सप्लाई हेतु चल रहे टैंकरो की पार्षदों को जानकारी तक नहीं है। यह नाराजगी निगम परिषद की बैठक में सत्ता व विपक्षी पार्षदों ने मॉनीटरिंग करने वाले अधिकारियों को अनदेखी का जिम्मेदार बताते हुए कही।
जलविहार में दोपहर 3 बजे से नगर निगम बजट समेत अन्य मामलों की पृष्टि करने के एमआईसी सदस्य खुशबू गुप्ता ने पीएचई अधिकारियों के फील्ड में न जाने के चलते पेयजल किल्लत होने के लिए जिम्मेदार बताया। उपनेता प्रतिपक्ष चतुर्भज धनौलिया ने बिना परमिशन हो रहे निर्माण व चंबल से पानी लाने की कार्ययोजना परिषद में प्रस्तुत नहीं रखने पर अधिकारियों को निशाने पर लिए रखा। इसी क्रम में पार्षद हरीपाल ने वीरपुर, रायपुर, हनुमान, मामा का बांध के जीर्णोद्धार के लिए सभी पार्षदों से अपनी निधि से 10-10 लाख देने की पेशकश पर सभी ने सहमति दी। साथ ही पार्षदों को पत्र राशि देने के लिए कहा।
गौशाला, मल्टीलेवल पार्किंग, आॅपरेटर मामले हुए स्वीकृत
लालटिपारा स्थित गौशाला को श्रीकृष्णायन देशी गौरक्षा संस्था व गौलोक धाम सेवा समिति के साथ अनुबंध व 365 पंप चालकों का वेतन 15 सौ से बढ़ाकर 5 हजार करने के अलावा बीते सम्मेलन में 1505 करोड़ के बजट का अनुमोदन किया गया। वहीं पार्षद भूपेन्द्र मगोनिया व ब्रजेश गुप्ता ने हाईकोर्ट की रोक के बाद क्षेत्रों में धड़ाधड़ हो रहे निर्माण के चलते पानी किल्लत बढ़ने पर सबका ध्यान दिलाया।
अनदेखी पर महिला पार्षद ने की शिकायत
वार्ड 5 की पार्षद शिल्पा छारी ने क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में अनदेखी पर परिषद में निगम अधिकारियों पर भड़क गई। साथ ही उन्होंने सभापति से कहा कि निगम अधिकारी जानकर उनको निगम मद व अन्य कार्यक्रमों में नहीं बुला रहे है और कार्यक्रमों होने के बाद उन्हें सूचना मिल रही है।
76 लाख घपले पर उबले महापौर-विपक्ष
सिटी सेंटर मल्टीलेवल पार्किंग का ठेका 1.19 करोड़ के काम को 1.95 करोड़ का लिखित में होने पर उपनेता विपक्ष चतुर्भज धनौलिया व पार्षद ब्रजेश गुप्ता ने आसंदी को घेर सत्ता पक्ष पर 76 लाख घोटाला करने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद मेयर सहित सत्तापक्ष के पार्षद भड़क गए और उन्होंने घोटाले की बात पर खेद जताने की बात कही। हालांकि सभापति ने टाइपिंग त्रृटि बताकर पूरे मामले को शांत कर दिया।
मैरिज गार्डन मामले में बनाई 5 सदस्यीय कमेटी
मैरिज गार्डनों के लिए 1 लाख वर्गमीटर जमीन होने के मामले उठते ही मेयर विवेक शेजवलकर सहित सत्ता-विपक्षी पार्षदों ने शादी सीजन सिर पर होने के चलते कार्रवाई न करने की सिफारिश की। साथ ही पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर मैरिज गार्डनों के अलावा खुद का मॉडल बनाकर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजने पर सहमति बनी।

 

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