डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ प्रकाश चन्द जैन को साइंस कांग्रेस द्वारा सम्मान

इम्फाल,भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए एस जी एस आय टी एस (SGSITS) इंदौर के भूतपूर्व छात्र एवं वर्तमान में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक डॉ प्रकाश चंद जैन को एच जे भाभा मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया।
यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 105 वें सत्र के दौरान एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रदान किया गया । डॉ जैन हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) में कार्यरत हैं। इम्फाल (मणिपुर) में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 105 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। भारतीय विज्ञान कांग्रेस की पांच दिन की संगोष्ठी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न विषयों में पूरे भारत के वैज्ञानिकों को आकर्षित करती है।
डॉ जैन ने एस जी एस आय टी एस (SGSITS) इंदौर से सत्र 1989 में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (स्वर्ण पदक विजेता ) करने के बाद, उच्च शिक्षा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे से प्राप्त की , एवं पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए से बॉयजकास्ट (डीएसटी) फेलो तथा जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी यूएसए से नेतृत्व कुशलता में प्रशिक्षण प्राप्त किया है । डॉ जैन अंतर-राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हैं। वर्ष 2018 की शुरुआत में डॉ जैन को अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स (एआईएए) के एसोसिएट फेलो के रूप में निर्वाचित होकर अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ था । वह एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया , तेलंगाना अकादमी ऑफ़ साइंस एवं इंस्टीटूशन ऑफ़ इंजीनियर्स के फेलो हैं । डीआरडीओ के विभिन्न पुरस्कारों के अतिरिक्त, डॉ जैन डॉ बिरेन रॉय स्पेस साइंस पुरस्कार कर्नाटक के राज्यपाल से प्राप्त कर चुके हैं । डॉ जैन ने एयरोस्पेस स्ट्रक्चर्स
टेक्नोलॉजीज के क्षेत्रों में विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्र की प्रतिष्ठित परियोजनाओं की सफलता के लिए उत्कृष्ट योगदान
दिया है। डॉ जैन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली में आई एन ऐ ई के प्रतिष्ठित विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में
भी योगदान दे रहे हैं ।
इस अवसर पर डॉ जैन ने कहा,विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति में योगदान के लिए उच्चतम स्तर पर प्राप्त सम्मान पर अभिभूत और विनम्र महसूस कर रहा हूँ । यह पुरस्कार आगे के दिनों में राष्ट्र को और अधिक सेवा देने के लिए जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता का बोध कराता है। मैं इस उपलब्धि पर डीआरडीओ के वरिष्ट वैज्ञानिको , एस जी एस आय टी एस (SGSITS) इंदौर , आईआईटी बॉम्बे , आईआईटी रूरकी , और डीआरडीएल में मेरे सहयोगियों के लिए बेहद आभारी हूं। डा जैन का दृढ़ विश्वास है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही समाज को प्रगति के सोपान प्रदान करती है और उन्हें विश्वास है कि वह दिन बहुत दूर नहीं है, जब भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में विश्व के नक्शे पर उभर कर आएगा ।

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